Ranchi: हर वर्ष गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. गर्मी बढ़ने की वजह से पानी की खपत भी बढ़ती जा रही है. खासकर शहरों में बढ़ रहे जनसंख्या के लगातार दबाव के चलते पानी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.
Ranchi Water Crisis: शहरों में लगातार लोग अपने घरों में बोरिंग कर रहे हैं
पानी के लिए लोगों में हाहाकार मच रहा है. जिसके चलते शहरों में लगातार लोग अपने घरों में बोरिंग कर रहे हैं. बोरिंग के कारण से भूमिगत जल का ज्यादा से ज्यादा दोहन किया जा रहा है जिससे जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. यह किसी भी शहर एवं वाहन के लोगों के लिए खतरे का संकेत है.
वही रांची की बात करें तो जिस प्रकार दूसरे शहरों में भूमिगत जल का दोहन हो रहा है इस प्रकार रांची में भी ऐसा ही हाल है. रांची में बड़ी-बड़ी इमारतें इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बड़े-बड़े भवन तैयार हो रहे हैं परंतु इन भवनों में कहीं भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का उपयोग नहीं किया जाता है. इसके चलते हर वर्ष यहां एक से डेढ़ मीटर जमीन का पानी नीचे चला जाता है.
Ranchi News: हर वर्ष ग्राउंड वाटर का लेवल औसतन 5 से 7 फीट नीचे जा रहा है
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक रांची में बड़ी तीव्रता से भूमिगत जल का स्थल नीचे जा रहा है तथा इसी तरह से यदि लगातार जमीन के अंदर के पानी का दोहन होता रहा तो आगामी 10 वर्षों में रांची समेत कई प्रमुख शहरों का ग्राउंड वाटर पाताल में पहुंच जाएगा. यहां हर वर्ष ग्राउंड वाटर का लेवल औसतन 5 से 7 फीट नीचे जा रहा है. बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष रांची में 3 मीटर तक वाटर लेवल नीचे चले जाने का आंकड़ा दर्ज हुआ है.
बीते 5 वर्षों से जलस्तर लगभग 100 फीट नीचे चला गया है
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के मुताबिक प्रत्येक वर्ष भूत जल का स्टार 20 फीट नीचे जा रहा है. इसके साथ ही बोरवेल करने वाली कई एजेंसियों ने बताया कि शहरी इलाकों में बीते 5 वर्षों से जलस्तर लगभग 100 फीट नीचे चला गया है. पहले रांची में 280 से 350 फीट तक पानी निकलता था परंतु अब यह 380 से 400 फीट पर पानी निकल रहा है. यदि ऐसे ही भूमिगत जल का दोहन होता रहा तो आगामी समय में भूमिगत जल का जो लेवल है वह 500 से 600 फीट तक नीचे चला जाएगा.
ज्ञात हो कि गर्मी का आरंभ होते ही रांची में एक दर्शन से ज्यादा इलाकों में कुएं या नलकूप को बंद हो गए हैं. क्योंकि जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है जिसके चलते रातू रोड, स्वर्ण जयंती नगर, पंडरा बाजार, हरमू, कटहल मोड समेत अन्य क्षेत्रों में हजार लीटर की टंकी भरने में 40 मिनट लग रहे हैं. इससे पूर्व यह टंकी 20 मिनट में भर जाया करती थी.