Champai Soren ने किया नई पार्टी बनाने का आगाज़, हेमंत सोरेन से बगावत के बाद बड़ा फैसला

झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता Champai Soren ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है।

हेमंत सोरेन के नेतृत्व से नाराज चंपाई सोरेन ने इस फैसले के जरिए सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे और अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंकेंगे।

Champai Soren के तीन विकल्प

हाल के दिनों में चंपाई सोरेन के ट्वीट और बयानों ने अटकलों को हवा दी थी कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन नई पार्टी बनाने की घोषणा के साथ ही इन कयासों पर विराम लग गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास तीन विकल्प थे—रिटायरमेंट, संगठन, या दोस्त—लेकिन उन्होंने राजनीति में सक्रिय रहकर नई पार्टी बनाने का निर्णय लिया है। चंपाई ने यह भी संकेत दिया कि अगर उन्हें कोई अच्छा साथी मिलता है, तो वे गठबंधन के लिए भी तैयार हैं।

Champai Soren लगातार अपने समर्थकों से मिल रहे हैं

दिल्ली से लौटने के बाद चंपाई सोरेन ने हाता क्षेत्र में अपने समर्थकों से मुलाकात के बाद अलग संगठन खड़ा करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आने वाले सात दिनों के भीतर उनकी योजना की पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी। उनके इस ऐलान के बाद से सरायकेला स्थित उनके आवास पर समर्थकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है, और चंपाई सोरेन लगातार अपने समर्थकों से मिल रहे हैं।

चंपाई सोरेन ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें जिस तरह से अपमानित किया जा रहा था, वह असहनीय था और अब वे अपने सम्मान की रक्षा के लिए नई पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा को जारी रखेंगे। उनकी इस घोषणा से झारखंड की राजनीति में नई चुनौतियां और समीकरण उभर सकते हैं।

अपनी नई पार्टी बनाने का फैसला किया

चंपाई सोरेन की नाराजगी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर थी, जिसके कारण उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से बगावत करते हुए अपनी नई पार्टी बनाने का फैसला किया। इस घोषणा ने भाजपा में शामिल होने के कयासों पर विराम लगा दिया है, हालांकि उन्होंने अभी तक अपनी नई पार्टी का नाम नहीं बताया है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी चंपाई सोरेन के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने चंपाई को “टाइगर” कहकर संबोधित किया और उन्हें एनडीए परिवार में शामिल होने का स्वागत किया। मांझी ने X पर लिखा, “चंपाई दा आप टाइगर थे, टाइगर हैं और टाइगर रहेंगे। NDA परिवार में आपका स्वागत है। जोहार टाइगर।”

जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) का हिस्सा है, और मोदी सरकार में मांझी एमएसएमई मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। चंपाई सोरेन को झारखंड राज्य के निर्माण में उनकी भूमिका के लिए “टाइगर ऑफ कोल्हान” के नाम से जाना जाता है।

चंपाई सोरेन ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने आत्म-चिंतन के बाद अपने भविष्य के लिए तीन संभावित विकल्पों के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके आत्मसम्मान को गहरी चोट पहुंची थी और पार्टी के अंदर उनकी भूमिका को लेकर उन्हें कई कड़वे अनुभव हुए, जिसके कारण वे वैकल्पिक रास्ते की तलाश में मजबूर हो गए।

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चंपाई सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि जुलाई के पहले सप्ताह में उनके सभी सरकारी कार्यक्रम अचानक रद्द कर दिए गए, जब वह मुख्यमंत्री पद पर थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कार्यक्रम रद्द करने के कारणों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि 3 जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और तब तक उन्हें किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए। यह घटनाएं उनके पार्टी से अलग होने और नई राजनीतिक दिशा की तलाश में एक महत्वपूर्ण कारण बनीं।

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