Rupauli Bypoll: मुस्लिम वोटरों ने तेजस्वी यादव को नकारा

Patna: Rupauli Bypoll: रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे राजनीतिक गलियारों में बड़ी चर्चा का विषय बन गए है.

चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बाजी मारते हुए जदयू के कलाधर मंडल और राजद की बीमा भारती को मात दी. खासकर जदयू के गढ़ कहे जाने वाले भवानीपुर प्रखंड में जदयू और राजद दोनों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा.

Rupauli Bypoll: जेडीयू-राजद का रघुनाथ पंचायत में प्रदर्शन

भवानीपुर प्रखंड जिसे जदयू का गढ़ माना जाता है वहां जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. रघुनाथपुर पंचायत में जहां जदयू के प्रदेश महासचिव शम्भू मंडल और राज्य महिला आयोग की सदस्य सुलोचना देवी का घर है वहां भी निर्दलीय शंकर सिंह को 1995 वोट मिले जबकि जदयू के कलाधर मंडल को मात्र 1788 वोट मिले.

Rupauli Bypoll: मुस्लिम वोटरों ने नकारा राजद को

इस उपचुनाव में राजद का एमवाई समीकरण भी विफल हो गया. भवानीपुर प्रखंड के मुस्लिम बाहुल्य शहीदगंज पंचायत, गोंदवारा पतकेलि पंचायत, श्रीपुर मिलिक पंचायत में मुस्लिम वोटरों ने राजद की बीमा भारती को नकारते हुए निर्दलीय शंकर सिंह के पक्ष में जमकर वोट डाले. बीमा भारती को रघुनाथपुर पंचायत में मात्र 466 वोट मिले जबकि निर्दलीय शंकर सिंह को सबसे ज्यादा 1995 वोट मिले.

नीतीश कुमार के दुर्गापुर गांव में भी हारा जदयू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का खास माना जाने वाला दुर्गापुर गांव जो भवानीपुर प्रखंड का हिस्सा है वहां भी जदयू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. यहां के कुर्मी जाति के लोगों पर न तो मुख्यमंत्री का जादू चला और न ही स्थानीय जदयू नेताओं का. दुर्गापुर और अन्य कुर्मी बाहुल्य गांवों में निर्दलीय शंकर सिंह को ज्यादा वोट मिले जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नीतीश कुमार का प्रभाव कम हो रहा है.

चुनावी नतीजे का क्या होगा राजनीतिक प्रभाव

रुपौली उपचुनाव के ये नतीजे न केवल जदयू और राजद के लिए झटका हैं बल्कि बिहार की राजनीति में भी एक नया संदेश देते हैं. निर्दलीय शंकर सिंह की जीत से यह स्पष्ट हो गया है कि अब लोग परंपरागत राजनीति से हटकर नए विकल्पों की ओर देख रहे हैं. यह परिणाम आगामी चुनावों के लिए भी एक संकेत हो सकता है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है.

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इस उपचुनाव के नतीजों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जदयू और राजद अपनी रणनीति में क्या बदलाव करते हैं और बिहार की राजनीति में किस तरह की नई हलचलें होती हैं.

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