हाल ही में अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने Rahul Gandhi के पक्ष में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ‘पप्पू’ नहीं हैं, बल्कि एक गहरे विचारक और रणनीतिकार हैं।
सैम पित्रोदा के अनुसार, राहुल गांधी के पास एक अलग और गहरी सोच है, जिसे समझना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि राहुल का विजन बीजेपी द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके बनाए गए प्रचार से बिल्कुल अलग है। पित्रोदा ने राहुल गांधी को पढ़े-लिखे और विषयों पर गहरी पकड़ रखने वाला नेता बताया।
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रतिक्रिया आई। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सैम पित्रोदा के बयान पर चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी के गुरु कहते हैं कि उनको समझना आसान नहीं होता है। खैर, ज्यादातर समय ऐसा ही होता है। उनकी गलतियां ही ऐसी होती हैं जिनसे किंवदंतियां बनती हैं।”
मालवीय के इस कटाक्ष के बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को लेकर एक बार फिर से चर्चा छिड़ गई है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह वार-पलटवार लंबे समय से चलता आ रहा है, और सैम पित्रोदा के इस बयान ने इस बहस को और तीखा कर दिया है।
Rahul Gandhi की टेक्सास में प्रवासी भारतीयों से बातचीत
राहुल गांधी ने हाल ही में टेक्सास के डलास में प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में बोलते हुए विपक्ष की भूमिका को जनता की आवाज बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष वह ताकत है जो जनता के मुद्दों को सामने लाती है और सरकार को उन पर ध्यान देने के लिए बाध्य करती है। संसदीय कार्यवाही पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संसद में भाग लेना एक युद्ध की तरह है, जहाँ विचारों और शब्दों के माध्यम से लड़ाई होती है। कभी यह अनुभव सुखद होता है, तो कभी यह कठिनाइयों से भरा होता है, लेकिन यह एक ऐसा युद्ध है जो लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है।
राहुल गांधी ने राजनीति में नए लोगों के अनुभव को एकलव्य की कहानी से जोड़ते हुए कहा कि जब आप राजनीति में प्रवेश करते हैं, तो आपको लगता है कि मुद्दे स्पष्ट हैं, लेकिन गहराई में जाने पर आपको एहसास होता है कि हर मुद्दा बहुत बारीक होता है। उन्होंने एकलव्य की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में आज भी लाखों-करोड़ों एकलव्य जैसे लोग हैं, जिनके पास कौशल तो है, लेकिन उन्हें वह सम्मान और अवसर नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं।
टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुशल लोगों को वह सम्मान और मदद नहीं मिल रही है जिसकी उन्हें जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि कुशल लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाए, तो भारत की क्षमता को निखारा जा सकता है।
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राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि कौशल का सम्मान करना और कुशल लोगों को आगे बढ़ने के अवसर देना भारत की प्रगति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।