Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर आय घोटाले का गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है।
नीरज कुमार का दावा है कि तेजस्वी यादव ने अपनी सालाना आय से अधिक लोगों को ऋण दिए हैं, जो उनके अनुसार एक वित्तीय अनियमितता है। इस आरोप के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में चिंता की लहर दौड़ गई है, क्योंकि तेजस्वी यादव पर पहले से ही भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं।
Tejashwi Yadavपर लगाए गए आरोप
नीरज कुमार का कहना है कि तेजस्वी यादव ने अपनी आय के मुकाबले कहीं अधिक धनराशि का उपयोग किया है, जो सीधे तौर पर आय से अधिक संपत्ति रखने जैसा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी का “आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया” का फॉर्मूला समझ से परे है। उनका सवाल है कि आखिर तेजस्वी इतने बड़े पैमाने पर ऋण देने के लिए धन कहां से जुटा रहे हैं?
वेतन घोटाले के आरोप
नीरज कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने अपने वेतन में भी घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे, तब उनकी आय अधिक थी, लेकिन अब वह नेता प्रतिपक्ष हैं और उनकी आय में कमी आई है। इसके बावजूद, वह अपनी आय से अधिक लोगों को ऋण दे रहे हैं, जो संदेहास्पद है। नीरज कुमार के अनुसार, यह मामला वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता के गंभीर उल्लंघन का प्रतीक है।
राजद की प्रतिक्रिया
इन आरोपों पर राजद की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के भीतर हलचल मची हुई है। तेजस्वी यादव को अक्सर उनके विरोधी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते रहते हैं, और इस नए आरोप ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
बिहार की राजनीति में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर तेजस्वी यादव किस तरह का जवाब देते हैं। क्या यह सिर्फ राजनीतिक आरोप हैं, या इसके पीछे कोई सच्चाई है, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। फिलहाल, यह मामला बिहार की राजनीति में नई बहस और विवाद को जन्म दे रहा है।