Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के विवादित बयान ने विपक्ष को उन पर निशाना साधने का मौका दे दिया है।
ललन सिंह ने कहा था कि “मुस्लिम जेडीयू को वोट नहीं देते।” उनके इस बयान पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
Tejashswi Yadav का तंज
आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ललन सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए पूछा, “आखिर ललन सिंह किसके दिमाग से काम कर रहे हैं?” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि ललन सिंह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं और उनके इस बयान का उद्देश्य समाज में विभाजन पैदा करना है। उन्होंने कहा कि जेडीयू को अपनी नीति और विचारधारा पर ध्यान देने की जरूरत है, न कि इस तरह के विवादास्पद बयान देने की।
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विपक्ष का हमला
ललन सिंह के इस बयान पर न सिर्फ राजद, बल्कि कांग्रेस और एआईएमआईएम के नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। एआईएमआईएम के प्रवक्ता ने इसे “मुस्लिम समाज का अपमान” बताते हुए कहा कि ऐसे बयानों से जदयू की कमजोर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस नेताओं ने भी इस बयान को राजनीतिक असफलता का संकेत बताया।
Tejashwi Yadav: जेडीयू में हलचल
इस बयान के बाद जेडीयू के अंदर भी खलबली मची हुई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि यह ललन सिंह की निजी राय हो सकती है, लेकिन पार्टी का ऐसा कोई आधिकारिक रुख नहीं है।
राजनीतिक असर
ललन सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नए सिरे से उथल-पुथल मचा दी है। विपक्ष इसे जेडीयू और भाजपा के बीच नजदीकी का संकेत मान रहा है, जबकि जेडीयू इसे गलत तरीके से पेश किया गया बयान बता रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान के बाद जेडीयू अपनी स्थिति को कैसे संभालती है और क्या ललन सिंह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हैं। बिहार की राजनीति में इस तरह के बयानों का असर न केवल मौजूदा गठबंधन पर पड़ेगा, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित करेगा।