Tejashwi Yadav के पांव में मोच बना चुनावी मुद्दा

Patna: राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री Tejashwi Yadav शुक्रवार को दर्द से बेचैन दिखे. उन्हें मंच से कार्यकर्ताओं ने सहारा देकर नीचे उतारा.

उन्होंने शनिवार को बताया कि उनकी कमर में दर्द है जो बढ़ गया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मेरा यह दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है.

ममता बनर्जी की राह पर चल रहे हैं Tejashwi Yadav

तेजस्वी यादव ने आगे कहा ‘लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है जो नौकरी रोजगार की आस में बैठे हैं जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है. मैं अपने दर्द को भूल जाता हूं जब देखता हूं कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है. किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता.’

बिहार के युवाओं के आगे मेरा दर्द कुछ नहीं- Tejashwi Yadav

तेजस्वी यादव ने अपने दर्द को बिहार के युवाओं की समस्याओं के सामने अदालत में रखा. उन्होंने कहा ‘छात्र को पीड़ा है क्यूंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही. बिहार के मेरे बुज़र्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है. हर वर्ग को पीड़ा है क्यूंकि उनके अधिकार उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है. मैं इन सभी की तकलीफ़ में अपने आपको साझीदार मानता हूं.

तेजस्वी यादव ने अगले ट्वीट में कहा ‘बिहार में एनडीए सरकार से जनता त्रस्त है. ऐसे में यदि मैंने अपनी पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएंगी. महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा. इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो भले ही दर्द कितना हो रुकना नहीं है झुकना नहीं है और थकना नहीं है. लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है बढ़ते जाना है जीतते जाना है जीताते जाना है. लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है.’

ममता बनर्जी की राह चल रहे हैं तेजस्वी यादव- निखिल मंडल

निखिल मंडल जदयू के प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव के ट्वीट पर कहा ‘तेजस्वी यादव ममता बनर्जी की राह पर चलते दिख रहे हैं. एक समय ममता बनर्जी ने भी अपने पैर में चोट को चुनावी मुद्दा बनाया था. अब तेजस्वी भी उन्हीं की तरह नकल कर रहे हैं. लेकिन उन्हें बिहार के बेरोजगार युवाओं को ये भी बताना चाहिए कि अब तक वो नौकरी के नाम पर ऐसे ही बेरोजगारों से कितनी और जमीन ठग चुके हैं.

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