बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट (Bihar Budget) पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने बजट को “झूठ और जुमला” करार देते हुए कहा कि बिहार की जनता को ठगने का काम किया गया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राजस्व की उगाही नहीं हो रही, लेकिन सरकार बजट का आकार लगातार बढ़ा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब बोलना ही था तो तीन लाख करोड़ क्या, पांच लाख करोड़ बोल देते।”
Bihar Budget को बताया जमीनी सच्चाई से परे
तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट भाषण हकीकत से दूर है और सरकार ने अपने पिछले वादों को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सरकारी पन्नों पर लिखे झूठे भाषण को पढ़ दिया, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2015 में महागठबंधन सरकार के दौरान हर ब्लॉक में स्टेडियम बनाने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक किसी भी प्रखंड में स्टेडियम नहीं बना। उन्होंने सरकार पर बुनियादी ढांचे के विकास में घोटालों और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पुल-पुलिया तीन-तीन बार टूटते हैं, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
Bihar Budget: सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप
तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए सरकार को बिहार की नहीं, बल्कि अपनी सत्ता बचाने की चिंता है। उन्होंने कहा कि इस अंतिम बजट में उन्होंने सरकार से कुछ प्रमुख मांगें रखी थीं:
- किसानों का कर्ज माफ किया जाए
- 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए
- महिलाओं को “माई बहिन मान योजना” के तहत 2500 रुपये प्रति माह दिए जाएं
- गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये की जाए
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1500 रुपये की जाए
लेकिन, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इनमें से किसी भी मांग को पूरा नहीं किया।
Bihar Budget को बताया “फर्जी आंकड़ों” पर आधारित
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जब सरकार को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है, तो बजट का आकार इतना बड़ा कैसे हो गया? उन्होंने इसे “इनफ्लेटेड बजट” (बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया बजट) करार देते हुए कहा कि “जब मनगढ़ंत आंकड़े ही देने थे, तो पांच लाख करोड़ का बजट ही पेश कर देते!”
उन्होंने सात निश्चय योजना और सात निश्चय-2 पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले बजट में घोषित योजनाओं में से कितनी लागू हुईं, इसका जवाब सरकार के पास नहीं है।
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बेरोजगारी और शिक्षा पर सरकार की नाकामी
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की साक्षरता दर सबसे कम है, लेकिन सरकार ने शिक्षा पर कुछ भी ठोस नहीं कहा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा गरीबी और बेरोजगारी है, लेकिन सरकार ने बजट में रोजगार बढ़ाने या नए कारखाने खोलने की कोई योजना नहीं दी।
उन्होंने पेपर लीक, कानून-व्यवस्था और औद्योगिक विकास जैसे मुद्दों पर भी बजट को खोखला करार दिया।
“यह बजट कागजों तक ही सीमित रहेगा”
तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में किए गए दावे हकीकत से दूर हैं और यह सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
तेजस्वी ने निष्कर्ष में कहा कि यह बजट बिहार की जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रचार का हिस्सा है।