Pratul Shah Deo: झारखंड हाई कोर्ट द्वारा भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
इस पर भाजपा नेता प्रतुल शाह देव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एजेंसी को उच्च न्यायालय में जाने का पूरा अधिकार है. प्रतुल शाह देव ने कहा “अगर किसी आरोपी को जमानत दी जाती है तो एजेंसी को उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है. ईडी ने किस आधार पर यह कदम उठाया इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. हालांकि प्रथम दृष्टया ईडी को ऐसा लगता है कि झारखंड हाई कोर्ट के जजों ने इस मामले के कुछ हिस्सों को नजरअंदाज कर दिया है.”
जमानत मिलने के पश्चात हेमंत सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने इस मामले में 31 जनवरी को ईडी की गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हाई कोर्ट ने 28 जून को सोरेन को जमानत दी थी. जमानत मिलने के तुरंत बाद, 4 जुलाई को सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
ईडी के वकील ने हाई कोर्ट में दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने एससी/एसटी पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला भी दिया था.
Pratul Shah Deo ने आगे कहा “दिल्ली के आवास से बरामद किए गए 36 लाख रुपये नकद को लेकर हेमंत सोरेन द्वारा दी गई सफाई निराधार है. जहां तक अदालतों का सवाल है यह एक तकनीकी और कानूनी मामला है लेकिन जनता की अदालत में हेमंत सोरेन को पहले ही जमीन हड़पने के मामले में दोषी ठहराया गया है.”
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ईडी द्वारा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना एक महत्वपूर्ण कदम है और इसने झारखंड की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है. अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और हेमंत सोरेन की राजनीतिक स्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है.
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