महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित एक जनसभा में कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने संविधान को लेकर बीजेपी की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पार्टी संविधान का सम्मान नहीं करती और इसे एक “खोखली किताब” मानती है।
संविधान पर Rahul Gandhi का दृष्टिकोण
राहुल गांधी ने कहा, “संविधान हमारे देश का डीएनए है। यह वह आधार है, जिससे देश की नीतियां और व्यवस्थाएं संचालित होती हैं। लेकिन बीजेपी और आरएसएस के लिए यह केवल एक कोरी किताब है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि “नरेंद्र मोदी और बीजेपी बंद कमरों में संविधान की हत्या कर रहे हैं।”
राहुल ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि “संविधान में कहीं यह नहीं लिखा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराई जाए। लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा हुआ। बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बनाया।”
रोजगार और आर्थिक नीतियों पर निशाना
रोजगार और आर्थिक मुद्दों पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि “नरेंद्र मोदी ने रोजगार का पूरा सिस्टम खत्म कर दिया है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम छोटे व्यापारों और फैक्ट्रियों को खत्म करने के लिए उठाए गए, जिससे देश के युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं बचे।” उन्होंने आरोप लगाया कि “नोटबंदी और जीएसटी का इस्तेमाल सिर्फ अडानी और अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के लिए रास्ता साफ करने के लिए किया गया।”
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नफरत और बेरोजगारी का कनेक्शन: Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने कहा कि “देश में नफरत इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बेरोजगारी चरम पर है। जब युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा, तो असंतोष बढ़ेगा और समाज में नफरत का माहौल बनेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी जानबूझकर समाज में बंटवारा और नफरत फैला रही है ताकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके।
स्वयं पर किए हमले का जवाब
राहुल ने आरोप लगाया कि “मेरी छवि खराब करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। लेकिन मैं दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा।”
जनता को संदेश
राहुल गांधी ने जनता से आह्वान किया कि वे संविधान की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि *”देश के उद्योगपतियों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं चुना, यह अधिकार देश की जनता का है। हमें संविधान को बचाना है और नफरत की राजनीति को खत्म करना है। राहुल गांधी ने अपने भाषण के माध्यम से बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर करारा प्रहार किया और संविधान को लेकर अपने रुख को स्पष्ट किया।
उन्होंने बेरोजगारी, आर्थिक असमानता और नफरत जैसे मुद्दों को उठाते हुए बीजेपी की नीतियों की आलोचना की और देशवासियों से लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का आग्रह किया।