New Delhi: NTA: NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक कांड ने देशभर में शिक्षा प्रणाली और प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
इसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जिनमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के प्रमुख को हटाना और मामले की जांच सीबीआई को सौंपना शामिल है.
NTA Row: इस कांड के बारे में 10 प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं
- एनटीए प्रमुख की बर्खास्तगी- नीट परीक्षा में अनियमितताओं की जिम्मेदारी तय करते हुए केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को उनके पद से हटा दिया. उन्हें अगले आदेश तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में प्रतीक्षा पर रखा गया है.
- नया नेतृत्व- भारत व्यापार संवर्धन संगठन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
- समीक्षा पैनल का गठन- शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा और सुधारों की सिफारिश के लिए एक सात सदस्यीय पैनल का गठन किया है जिसका नेतृत्व इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन करेंगे.
- शिक्षा मंत्री का बयान- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने परीक्षा सुधारों के लिए पैनल के गठन और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है.
- सीबीआई जांच- नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं और कदाचार की व्यापक जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपा गया है.
- नीट-पीजी परीक्षा स्थगित- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल की परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोपों के चलते एहतियाती कदम के रूप में नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित कर दिया है.
- राहुल गांधी की आलोचना- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के शासन में शिक्षा प्रणाली की विफलता की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार पेपर लीक रैकेट और शिक्षा माफिया के सामने बेबस है.
- पेपर लीक के आरोप- नीट-यूजी में पेपर लीक के आरोप तब सामने आए जब 67 मेडिकल उम्मीदवारों ने पूरे अंक हासिल किए, जिनमें से छह हरियाणा के एक ही केंद्र के थे. कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर भी विवाद हुआ था.
- बिहार पुलिस की कार्रवाई- बिहार पुलिस ने नीट पेपर लीक के सिलसिले में देवघर में छह लोगों को हिरासत में लिया था और मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.
- नया कानून : केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए एक कानून अधिसूचित किया है जिसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.