लोकसभा में मंगलवार को एक दिलचस्प बहस देखने को मिली जब केंद्रीय मंत्री Anurag Thakur और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच जातिगत जनगणना पर चर्चा के दौरान तकरार हो गई.
इस दौरान ठाकुर ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि “जिसकी जाति का पता नहीं वह गणना की बात करता है.” इस टिप्पणी पर राहुल गांधी ने नाराजगी जताई और ठाकुर पर अपमान का आरोप लगाते हुए कहा “जितना आप लोग मेरा अपमान करना चाहते हैं करिए. मैं सह लूंगा. लेकिन जातिगत जनगणना हम कराके रहेंगे.”
राहुल गांधी ने कहा कि वे देश के ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदाय की आवाज उठाते रहेंगे भले ही इसके लिए उन्हें गालियां खानी पड़े. उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा “जैसे अर्जुन को सिर्फ मछली की आंख दिख रही थी वैसे ही मुझे जातिगत जनगणना ही दिख रही है जिसे हम कराके मानेंगे.” राहुल ने स्पष्ट किया कि वह किसी से माफी की मांग नहीं करते बल्कि अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
अनुराग ठाकुर ने भी अपनी टिप्पणी पर कायम रहते हुए राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “मीम्स आपकी खूब बनती हैं. सिर्फ रील के नेता मत बनिए रियल के नेता बनिए.” उन्होंने राहुल गांधी पर महाभारत का ज्ञान न होने का आरोप लगाते हुए कहा “आपको तो ऐक्सिडेंटल हिंदू कहा जाता है, इसलिए महाभारत का ज्ञान भी ऐक्सिडेंटल है.” ठाकुर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी अक्सर पर्ची देखकर बोलते हैं जैसे कोई उन्हें लिखकर देता है.
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इस बहस में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी हस्तक्षेप किया और कहा “आप किसी की जाति नहीं पूछ सकते.” इस पूरे घटनाक्रम ने लोकसभा में हलचल मचा दी और दोनों पक्षों के नेताओं के बीच तीखी बहस का माहौल बन गया. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और राहुल गांधी के बीच इस तीखी नोकझोंक ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है.
जहां एक तरफ ठाकुर ने राहुल गांधी पर निजी हमले किए वहीं राहुल ने इस मुद्दे पर अडिग रहते हुए कहा कि वे जातिगत जनगणना के लिए संघर्ष करते रहेंगे.