बिहार के बोधगया स्थित अंतर्राष्ट्रीय धरोहर Mahabodhi Temple को उड़ाने की धमकी ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
इस धमकी के तार झारखंड के धनबाद से जुड़े पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, धनबाद के कुख्यात अपराधी प्रिंस खान का नाम इस मामले में सामने आया है, जो फिलहाल दुबई में छिपा हुआ है।
Mahabodhi Temple: सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट पर
महाबोधि मंदिर को मिली धमकी के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, धमकी भरा पत्र आईएसआईएस के नाम से भेजा गया है। गया पुलिस और झारखंड पुलिस मिलकर इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
यह भी पढ़े: अडाणी मुद्दे पर Congress का प्रदर्शन जारी, संसद परिसर में दिखा नया अंदाज
Mahabodhi Temple: पुलिस का कहना
बोधगया थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा,
“महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के मामले की जांच की जा रही है। सत्यापन के आधार पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई होगी। फिलहाल इस मामले में वरीय अधिकारी ही पूरी जानकारी दे सकते हैं।”
धनबाद में छानबीन
मंगलवार को बोधगया पुलिस की टीम झारखंड के धनबाद पहुंची। टीम ने बैंक मोड़ स्थित बासेपुर में कुख्यात प्रिंस खान के घर पर छापा मारा। हालांकि, पुलिस को पता चला कि प्रिंस खान फिलहाल दुबई में छिपा हुआ है।
केंद्रीय एजेंसियों की नजर
आईएसआईएस का नाम जुड़ने के कारण मामले में केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। महाबोधि मंदिर पर पहले हुए आतंकी हमलों और मौजूदा धमकी के बीच संभावित कनेक्शन की जांच की जा रही है।
महाबोधि मंदिर पर हो चुके हैं दो आतंकी हमले
महाबोधि मंदिर पहले भी आतंकियों के निशाने पर रहा है।
- 2013 में पहला हमला: मंदिर के आसपास हुए सीरियल ब्लास्ट से दहशत फैल गई थी।
- 2018 में दूसरा हमला: एक बार फिर आतंकी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की गई थी, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया।
सुरक्षा बढ़ाई गई
इस बार की धमकी को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर की सुरक्षा को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे, स्निफर डॉग्स और अन्य आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Mahabodhi Temple: क्या है धमकी का सच?
पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह धमकी प्रिंस खान की साजिश है या किसी अन्य गिरोह का काम। जांच के नतीजे सामने आने तक महाबोधि मंदिर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम जारी रहेंगे। अंतर्राष्ट्रीय धरोहर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा और वहां के श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।