रांची: झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद Nishikant Dubey ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस,करप्सन और ग़ुलामी
1. यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज CIA का 2011 में जारी हुआ
2. इसके अनुसार स्वर्गीय कांग्रेस के बड़े नेता HKL भगत के नेतृत्व में 150 से ज़्यादा कॉंग्रेस के सांसद सोवियत रुस के पैसे पर पलते थे,रुस के लिए दलाली करते थे?
3. पत्रकारों के समूह उनके दलाल थे तथा… pic.twitter.com/ozKx9nPUCe— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 30, 2025
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दिवंगत नेता एच.के.एल. भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेसी सांसदों को सोवियत रूस से फंडिंग मिलती थी और वे उसके लिए एजेंट के रूप में कार्य करते थे। दुबे ने अपने आरोपों का आधार अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA द्वारा 2011 में जारी दस्तावेज को बताया है।
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि “कांग्रेस, करप्शन और ग़ुलामी एक ही सिक्के के तीन पहलू हैं।” उन्होंने लिखा कि “स्वर्गीय एच.के.एल. भगत के नेतृत्व में कांग्रेस के कई सांसद सोवियत रूस से पैसे लेकर उसकी नीतियों के प्रचार-प्रसार के लिए दलाली कर रहे थे।”
Nishikant Dubey: 16,000 आर्टिकल्स और पत्रकारों की दलाली का आरोप
दुबे ने दावा किया कि CIA के दस्तावेजों में उल्लेख है कि रूस की फंडिंग से भारत में करीब 16,000 न्यूज़ आर्टिकल प्रकाशित करवाए गए थे। इन खबरों के लिए पत्रकारों का एक बड़ा समूह रूस के इशारे पर काम कर रहा था, जो मीडिया के माध्यम से जनता की राय को प्रभावित करने का काम करता था।
उन्होंने यह भी कहा कि उस समय रूसी खुफिया एजेंसियों के 1,100 से अधिक एजेंट भारत में सक्रिय थे, जो नौकरशाही, व्यापारी संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और नीति निर्माताओं पर प्रभाव डालते थे।
Nishikant Dubey: सुभद्रा जोशी पर विदेशी फंडिंग का आरोप
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस की पूर्व नेता सुभद्रा जोशी का भी नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने जर्मनी की सरकार से पांच लाख रुपये की मदद ली थी। यह रकम कथित तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मिली थी। चुनाव हारने के बाद वे इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बन गईं। दुबे ने सवाल करते हुए लिखा – “यह देश था या गुलामों और दलालों की कठपुतली?”
Nishikant Dubey: जांच की मांग, कांग्रेस से जवाब तलब
भाजपा सांसद ने सवाल किया कि क्या आज भी इस मुद्दे पर जांच होनी चाहिए या नहीं? उन्होंने कांग्रेस से जवाब देने की मांग की है। यह पूरा मामला आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बहस को और तीखा बना सकता है।