Motihari News: मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र में नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर चल रहे एक बड़े ठगी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह ने बंगाल और असम जैसे राज्यों से आए 90 युवकों को फर्जी जॉब के बहाने बुलाकर उन्हें बंधक बना लिया था। छतौनी पुलिस ने करीब चार घंटे के ऑपरेशन के बाद सभी युवकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में सदर डीएसपी दिलीप सिंह, साइबर डीएसपी अभिनव पाराशर समेत कई थानों की पुलिस ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। पुलिस के अनुसार, युवकों को पहले नेटवर्क मार्केटिंग और अच्छी आमदनी का झांसा देकर बुलाया गया। फिर उनसे ₹25,000 की ठगी की गई और उन्हें कमरे में बंद कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
सदर डीएसपी दिलीप सिंह ने बताया कि यह एक सुनियोजित ठगी का मामला है, जिसमें एक संगठित गिरोह युवाओं को झांसे में लेकर पैसे ऐंठता है। उन्होंने कहा कि 90 युवकों को सुरक्षित निकाला गया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। आगे की जांच जारी है।
साइबर डीएसपी अभिनव पाराशर ने मामले को साइबर क्राइम से भी जोड़ते हुए बताया कि युवाओं को व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए ठगा गया। उन्हें फर्जी नेटवर्क मार्केटिंग योजनाओं से जोड़कर आर्थिक शोषण का शिकार बनाया गया।
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बताया जा रहा है कि यह गिरोह पहले भी इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है। इससे पहले रक्सौल में एक “DBR कंपनी” के नाम पर 350 युवकों के साथ इसी तरह की ठगी की गई थी। इस बार गिरोह ने कंपनी का नाम बदलकर फिर से नए युवाओं को निशाना बनाया।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी भी की जाएगी और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।