Chhattisgarh News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों को आखिरी चेतावनी देते हुए साफ कर दिया कि अब उनके लिए बातचीत नहीं बल्कि आत्मसमर्पण ही एकमात्र विकल्प बचा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने विद्रोहियों के लिए “देश में सबसे अच्छी आत्मसमर्पण नीति” बनाई है।
बस्तर दशहरा लोकोत्सव को संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की और कहा.
”आत्मसमर्पण पर मिलेगा ‘रेड कार्पेट’ स्वागत”
- अपील: शाह ने कहा, “मैं सभी आदिवासी भाइयों-बहनों को कहना चाहता हूं कि आप आपके गाँव के युवाओं को हथियार डालने के लिए समझाइए। वह हथियार डाल दें, मुख्यधारा में आएं और बस्तर के विकास में सहभागी बनें।”
- पुनर्वास नीति का लाभ: उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति ‘लाभदायक’ है, जिसके चलते पिछले एक महीने में 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
- विकास का बड़ा ऐलान: गृह मंत्री ने घोषणा की कि जो गाँव पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा, उसके विकास कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ शासन ₹1 करोड़ की राशि उपलब्ध कराएगा।
- सुरक्षा की गारंटी: उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर आप आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो संघर्षविराम की कोई ज़रूरत नहीं है। हथियार डाल दें, एक भी गोली नहीं चलेगी।”
बातचीत का प्रस्ताव खारिज, अंतिम चेतावनी
अमित शाह ने नक्सलियों से बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया और कहा कि अब इसकी कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने नक्सलवाद को विकास में सबसे बड़ी बाधा बताया.
- डेडलाइन तय: शाह ने दृढ़ता से दोहराया कि 31 मार्च 2026 की तारीख नक्सलवाद को इस देश की धरती से हमेशा के लिए ‘अलविदा’ कहने के लिए तय है।
- कड़ा संदेश: उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी हथियार के दम पर बस्तर की शांति भंग करने की कोशिश करेगा, तो केंद्रीय सुरक्षा बल और छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर मुंहतोड़ जवाब देंगे।
शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब सुरक्षा बलों की कार्रवाई और सरकार की आत्मसमर्पण नीतियों के कारण नक्सली संगठनों में बड़े पैमाने पर टूट और आत्मसमर्पण हो रहा है.