नई दिल्ली: Balochistan की आजादी की मांग को लेकर बलोच अमेरिकी कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. तारा चंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
I have written a letter to Prime Minister Modi which is attached in the tweet. 📢 Urging @narendramodi to lend meaningful support for a free #Balochistan! The Baloch people face oppression and genocide under Pakistan’s regime. A free Balochistan would be a blessing for… pic.twitter.com/UnNJJk1dRd
— Dr. Tara Chand (@drtchand) May 23, 2025
इस पत्र में उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान के लिए भारत से ‘सार्थक समर्थन’ की मांग की है। चंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस बारे में जानकारी दी और लिखा कि एक स्वतंत्र बलूचिस्तान, भारत जैसे शांतिप्रिय देश के लिए “वरदान” होगा।
डॉ. चंद ने लिखा, “मैंने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है… स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए सार्थक समर्थन देने का आग्रह किया है। बलूच लोग पाकिस्तान के शासन में उत्पीड़न और नरसंहार का सामना कर रहे हैं। न्याय के लिए हमारे साथ खड़े हों।”
Balochistan: पीएम मोदी की लाल किले से टिप्पणी का किया उल्लेख
अपने पत्र में डॉ. चंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण में बलूचिस्तान का उल्लेख करने को “नैतिक समर्थन का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि यह समर्थन वैश्विक स्तर पर उत्पीड़ित बलूच समुदाय में आशा का संचार करता है।
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Balochistan : पाकिस्तान पर गंभीर आरोप
बलूच नेता ने पाकिस्तान पर बलूच लोगों के खिलाफ गंभीर अत्याचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बलूचों को जबरन गायब किया जा रहा है, उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं और बड़े पैमाने पर नरसंहार किए जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान की ‘जिहादी सेना’ और रावलपिंडी स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों को जिम्मेदार ठहराया।
चीन की भूमिका और सिंधु जल संधि का ज़िक्र
डॉ. चंद ने बलूचिस्तान में चीन की बढ़ती भूमिका को भी एक “भूराजनीतिक खतरा” बताया और भारत से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया की मांग की। साथ ही, उन्होंने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के पीएम मोदी के फैसले को साहसी कदम बताया और लिखा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”
वैश्विक समर्थन की मांग
बलोच नेता का यह पत्र ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और अलगाववादी आंदोलनों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। बलूचिस्तान की आजादी के समर्थन में भारत की भूमिका को लेकर बलोच संगठनों में लंबे समय से अपेक्षाएं रही हैं।
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