ढाका/वेब डेस्क: Bangladesh Political Crisis और भी गहरा गया है, जब अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को अल्टीमेटम देते हुए इस्तीफा देने की धमकी दे डाली।
उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सभी दलों का पूर्ण समर्थन नहीं मिला, तो वे अपना पद छोड़ देंगे। यह चेतावनी उस समय आई है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) द्वारा गुरुवार को देशव्यापी प्रदर्शन किए गए।
Bangladesh Political Crisis: बीएनपी का विरोध और सेना की चेतावनी के बाद बढ़ा तनाव
गुरुवार को बीएनपी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन और बुधवार को सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान की सख्त चेतावनी के बाद राजधानी ढाका में राजनीतिक माहौल और भी उग्र हो गया। छात्र संगठनों और इस्लामवादी समूहों ने सेना छावनी की ओर मार्च की योजना बनाई है, जिससे शुक्रवार की नमाज़ के बाद बड़ी झड़प की आशंका जताई जा रही है।
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Bangladesh Political Crisis: क्या मोहम्मद यूनुस बना रहे हैं रणनीतिक चाल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस का यह इस्तीफे का बयान सेना प्रमुख के प्रभाव को चुनौती देने का प्रयास हो सकता है, जो हर हाल में आगामी चुनाव कराना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि यूनुस का कार्यकाल केवल अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में है और चुनाव के बाद उनकी भूमिका समाप्त होनी तय है।
बताया जा रहा है कि यूनुस ने आवामी लीग पर प्रतिबंध, महिला सुधारों को रोकने और बंगबंधु मुजीबुर रहमान के आवास को ध्वस्त किए जाने जैसी कई विवादास्पद कार्रवाइयों में मौन सहमति जताई थी, जिससे जनता में असंतोष गहराया।
Bangladesh Political Crisis: छात्र आंदोलन से उपजा था सत्ता परिवर्तन
बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाला आंदोलन शेख हसीना सरकार के खिलाफ जनाक्रोश में बदल गया था। इसके चलते उन्हें 5 अगस्त 2024 को ढाका छोड़ना पड़ा और वह अब भारत में हैं।
छात्र नेता का बयान
नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के संयोजक और पूर्व छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने कहा:
“यूनुस ने खुद कहा है कि वह बंधक बना दिए गए हैं और मौजूदा माहौल में काम करना संभव नहीं है। सभी राजनीतिक दल एक आम सहमति पर क्यों नहीं आ सकते?”