पटना: Bihar में वोटर लिस्ट रिवीजन के विरोध में बुलाए गए महागठबंधन के बंद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बुधवार को जेल जाने की रणनीतिक सलाह दी गई थी।
आज के ऐतिहासिक बिहार बंद ने लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए जनभागीदारी एवं जनभावनाओं के अभिव्यक्ति की सशक्त आवाज बन इतिहास बनाया। धन्यवाद #बिहार!
जनविरोधी अलोकप्रिय बीजेपी सरकार का अंग बन चुका चुनाव आयोग बिहार में अलोकतांत्रिक एवं अराजक तरीके से मतदाता सूची में हेर-फेर का… pic.twitter.com/JOy2bnM6iG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 9, 2025
यह सलाह किसी और ने नहीं बल्कि आरजेडी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सार्वजनिक रूप से दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर दोनों नेता गिरफ्तारी देते और जमानत नहीं लेते, तो देश का माहौल बदल सकता था।
हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने पटना में मार्च और भाषण देने के बाद प्रदर्शन को समाप्त कर दिया और लौट गए।
Bihar News: शिवानंद तिवारी का बयान
प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही तिवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा –
“अगर राहुल और तेजस्वी चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंच जाएं और वहां धरना दें, तो संभव है कि पुलिस उन्हें रोके। ऐसे में जहां पुलिस रोके, वहीं बैठ जाएं। अगर पुलिस उन्हें हिरासत में ले तो वे जमानत न लें। इससे देश का राजनीतिक माहौल बदल जाएगा।”
प्रदर्शन का दृश्य
- राहुल गांधी ने पटना के आयकर गोलंबर से एक ओपन ट्रक पर चढ़कर मार्च की अगुवाई की।
- उनके साथ तेजस्वी यादव, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, सीपीआई-एमएल के दीपांकर भट्टाचार्य और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे।
- शहीद स्मारक के पास पुलिस ने मार्च को रोक दिया।
- इसके बाद सभी नेताओं ने वहीं पर भाषण दिया और प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
- राहुल गांधी दिल्ली लौट गए और अन्य नेता भी अपने-अपने घर चले गए।
Bihar बंद की पृष्ठभूमि
महागठबंधन द्वारा बुलाया गया यह बंद चुनाव आयोग की मतदाता गहन पुनरीक्षण योजना के विरोध में था, जिसे वे भाजपा के इशारे पर किया गया जनसंख्यात्मक छेड़छाड़ मानते हैं। विपक्ष इसे वोटर डेटा के साथ छेड़छाड़ का प्रयास करार दे रहा है।
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