जन सुराज के संस्थापक Prashant Kishor के खिलाफ बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण सिंह कल्लू ने पटना के गांधी मैदान थाना में प्रशांत किशोर पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इसके तहत आरोप लगाया गया है कि प्रशांत किशोर ने मीडिया कॉन्क्लेव के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के लिए अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। शिकायत में यह भी कहा गया कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की छवि को भी ठेस पहुंचाने का षड्यंत्र किया है, तथा भाजपा और उसके नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
एफआईआर के अनुसार, आरोप है कि प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को ‘सिर्फ सातवीं पास’ कहा और दावा किया कि उनका असली नाम ‘राकेश कुमार’ था, जिसे बाद में सम्राट चौधरी किया गया। इन बयानों को भाजपा नेताओं के सम्मान के विरुद्ध मानते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई है।
Prashant Kishor News: हालिया पृष्ठभूमि: पहले भी दर्ज हो चुके हैं केस
यह पहला मौका नहीं है जब प्रशांत किशोर के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इससे पहले पटना में आयोजित जन सुराज के विरोध मार्च और विधानसभा घेराव के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन तथा कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में भी प्रशांत किशोर समेत आठ नेताओं और सैकड़ों अज्ञात समर्थकों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इन में जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष, प्रवक्ता और हाल ही में पार्टी में आए यूट्यूबर मनीष कश्यप समेत कई प्रमुख नेताओं के नाम शामिल थे।
जन सुराज की ओर से लगातार बयानों, रैलियों और विरोधों के जरिए बिहार सरकार और भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा जाता रहा है। विरोध मार्च के दौरान हुए पुलिस लाठीचार्ज और एफआईआर की कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में माहौल और गर्मा गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह मामला आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले प्रदेश में सियासी टकराव की दिशा और धार दोनों को और तेज करने वाला माना जा रहा है। प्रशांत किशोर फिलहाल अपने बयानों, पृथक रणनीति और आक्रामक तेवरों से भाजपा और सत्ताधारी गठबंधन पर राजनीति सफाई दे रहे हैं, वहीं भाजपा ने उनके खिलाफ पुलिस और प्रशासन में लगातार शिकायतें और कानूनी कार्रवाई तेज की है।
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