Thursday, July 24, 2025
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Jan Suraaj कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत, लाठीचार्ज के विरोध में प्रशांत किशोर का आक्रोश

Patna की सड़कों पर मंगलवार को तनाव उस वक्त बढ़ गया, जब प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली Jan Suraaj पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश की।

प्रदर्शनकारी बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए विधानसभा का घेराव करना चाहते थे।

Jan Suraaj Clash: पुलिस की कार्रवाई- लाठीचार्ज से बिगड़े हालात

विधानसभा के पास सुरक्षा घेरा पहले से ही तैनात था। जैसे ही कार्यकर्ताओं की भीड़ ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की पुलिस ने बल प्रयोग किया। लाठीचार्ज के चलते कई कार्यकर्ता घायल हो गए, जिससे माहौल और गर्म हो गया। भीड़ तितर-बितर करने के चक्कर में पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई।

प्रशांत किशोर का गुस्सा- “इतना दम है तो जनता पर लाठी क्यों?”

लाठीचार्ज की खबर मिलते ही प्रशांत किशोर मौके पर पहुंचे। एक पुलिसकर्मी को लाठी लिए देख वे भड़क उठे। उन्होंने तीखे तेवर में सवाल उठाया कि “इतना दम है तो जनता पर लाठी क्यों चलाते हो? सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाना गुनाह है क्या?” यह दृश्य कैमरों में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

Jan Suraaj Clash: घायल कार्यकर्ताओं का हाल और जन सुराज का आरोप

घटना में कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आईं। जन सुराज पार्टी ने पुलिस पर अंधाधुंध बल प्रयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार की बौखलाहट का संकेत है। पार्टी प्रवक्ताओं ने बयान जारी कर कहा “हमारी लड़ाई अहिंसात्मक है, लेकिन सरकार लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने पर तुली है।

”वहीं पुलिस प्रशासन ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से कदम उठाना जरूरी था। एक अधिकारी ने कहा “घेराव के दौरान स्थिति बेकाबू हो रही थी भीड़ हिंसक हो सकती थी। हमने संयम बरता लेकिन जब बैरिकेड तोड़े गए तो कार्रवाई करनी पड़ी।”

Jan Suraaj Clash: आगे की रणनीति- आंदोलन और तेज़ करने की चेतावनी

प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि यह आंदोलन यहीं खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा, “जनता की आवाज़ को दबाने की हर कोशिश का जवाब सड़कों पर मिलेगा। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। आने वाले दिनों में पूरे बिहार में जन आंदोलन की लहर दौड़ेगी।” पटना की यह घटना सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि उस उबाल का संकेत है जो बिहार की जनता के भीतर सुलग रहा है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं वहीं प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि वे अपने मिशन से पीछे हटने वाले नहीं हैं। आने वाले समय में जन सुराज का यह तेवर बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है।

 

 

 

 

 

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