बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Chunav) को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को वरिष्ठ नेता अजय माकन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया। कमेटी में प्रणीति शिंदे, इमरान प्रतापगढ़ी और कुणाल चौधरी जैसे युवा नेताओं के साथ-साथ राज्य के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता भी शामिल हैं।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए श्री @ajaymaken जी की अध्यक्षता में नवगठित स्क्रीनिंग कमिटी के सभी सदस्यों को बिहार कांग्रेस परिवार की तरफ से बधाई एवं शुभकामनाएं।@ShindePraniti @ShayarImran @KunalChoudhary_ pic.twitter.com/MRoiHgNBIL
— Bihar Congress (@INCBihar) July 26, 2025
Bihar Chunav: मजबूत स्क्रीनिंग कमेटी की घोषणा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया, जिसकी कमान वरिष्ठ नेता अजय माकन के हाथों में सौंपी गई।
Bihar Chunav: कौन-कौन शामिल है कमेटी में?
स्क्रीनिंग कमेटी में प्रणीति शिंदे, इमरान प्रतापगढ़ी, कुणाल चौधरी, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार, विधानसभा में विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, विधान परिषद के नेता डॉ. मदन मोहन झा, एआईसीसी सचिव देवेंद्र यादव, शहनवाज आलम और सुशील कुमार पासी को सदस्य बनाया गया है। कुल 11 नेताओं को इस कमेटी में जगह मिली है।
Bihar Chunav: पूर्व अध्यक्ष को नहीं मिली जगह
इस बार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को कमेटी में शामिल नहीं किया गया है, जिससे राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।
कमेटी का मुख्य कार्य
यह कमेटी राज्य में उम्मीदवारों और विधानसभा सीटों के चयन से लेकर सामाजिक समीकरणों और पार्टी के जीत की संभावनाओं का आकलन करेगी। स्क्रीनिंग कमेटी संभावित उम्मीदवारों की जांच, चयन, पार्टी संगठन की मजबूती के लिए संवाद, सामाजिक समीकरणों और जीत की संभावनाओं का विश्लेषण करेगी। साथ ही, अंतिम सिफारिश केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी।
कांग्रेस की रणनीति
संभावना है कि कांग्रेस इस बार पिछली बार के मुकाबले कम सीटों पर, लेकिन मजबूत उम्मीदवारों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति अपना रही है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 19 पर जीत मिली थी। पार्टी की कोशिश है कि चुनावी टिकट ऐसे उम्मीदवारों को दिए जाएं जो क्षेत्र में जीत का दमखम रखते हों।
इस बार स्क्रीनिंग कमेटी संभावित नामों की गहन जांच कर केंद्रीय चुनाव समिति को अंतिम सूची भेजेगी, जिससे कांग्रेस के टिकट वितरण में पारदर्शिता और सख्ती दोनों नजर आने की संभावना है।