Latehar News : लातेहार सदर प्रखंड के नेवाडी पंचायत स्थित तुवेद कोल माइंस को खुले चार साल हो गए हैं, लेकिन इस क्षेत्र के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं और रोजगार से वंचित हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा, जिसमें डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) कोल माइंस पर वादाखिलाफी और मनमानी का गंभीर आरोप लगाया गया है।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने कंपनी के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कंपनी ने सिर्फ कागजी कार्रवाई कर लोगों को गुमराह किया है।ग्रामीणों का कहना है कि जब डीवीसी कंपनी ने इस क्षेत्र में कोयला खनन का काम शुरू किया था।तब बड़े-बड़े वादे किए गए थे। कंपनी ने दावा किया था कि खनन क्षेत्र के स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत रोजगार दिया जाएगा और क्षेत्र के विकास के लिए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। लेकिन चार साल बाद भी इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है और वे पलायन कर रहे हैं
ग्रामीणों ने बताया कि जिस जमीन पर कोयला खनन हो रहा है, वह ज्यादातर जमीन आदिवासियों और स्थानीय ग्रामीणों की है। इसके बावजूद उन्हें रोजगार से वंचित रखा गया है। स्थिति यह है कि यहां के युवा रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई और मद्रास जैसे बड़े शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और मजदूरी कर अपना गुजारा करने को मजबूर हैं।ग्रामीणों ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गांव में खदान होने के बावजूद यदि उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को मिल रही धमकियां
ग्रामीणों ने डीवीसी कंपनी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोच रही है और स्थानीय लोगों की समस्याओं से उसे कोई सरोकार नहीं है। जब भी कोई ग्रामीण कंपनी के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है या डराया-धमकाया जाता है। इससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
प्रभावित क्षेत्र में सीएसआर के तहत कोई काम नहीं हुआ
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि डीवीसी ने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत क्षेत्र में विकास कार्य कराने का दावा किया था, लेकिन अब तक कोई स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र या अन्य कोई सुविधा स्थापित नहीं की गई है। खनन से प्रभावित गांवों को न तो मुआवजा मिला है और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कई बार डीवीसी कंपनी से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया है। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके लेकिन कंपनी की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। उल्टे उन्हें लगातार झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं।
उपायुक्त से न्याय की गुहार
ग्रामीणों ने उपायुक्त से मांग की है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच करवाएं तथा डीवीसी कंपनी को अपने वादे के अनुसार काम करने के लिए बाध्य करें। ज्ञापन में मांग की गई है कि खनन कार्य में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को दिया जाए. प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तथा कंपनी द्वारा ग्रामीणों से किए गए सभी वादे शीघ्र पूरे किए जाएं।
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लातेहार से रुपेश अग्रवाल की रिपोर्ट