बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला।
भाजपा और नीतीश जी ने बिहार को ज्ञान की भूमि से गिरा कर भारत का क्राइम कैपिटल बना दिया है। pic.twitter.com/eSBzH74qTX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2025
राजगीर के अंतरराष्ट्रीय समागम केंद्र में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन के मंच से राहुल गांधी ने कहा कि बिहार, जो कभी सत्य, न्याय और अहिंसा की धरती माना जाता था, अब क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया बन गया है।
Rahul Gandhi के प्रमुख आरोप:
🔹 कानून व्यवस्था की स्थिति पर तीखा प्रहार:
“बिहार में अब गरीबों की कोई सुनवाई नहीं होती। पहले जहां न्याय की मिसालें दी जाती थीं, आज वहां भय और अपराध का बोलबाला है।”
🔹 रोजगार और पलायन का मुद्दा:
“बिहार के नौजवान रोजगार की तलाश में आज भी पलायन करने को मजबूर हैं। यहां स्थायी रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है।”
🔹 स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली:
“पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज होता था, अब आम आदमी को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सरकार प्राइवेट अस्पतालों को जमीन देती है लेकिन जनता की सेहत की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेती है।“
🔹 नीतीश कुमार पर राजनीतिक अस्थिरता का आरोप:
“नीतीश जी बार-बार गठबंधन बदलते हैं। इससे जनता का भरोसा टूटता है। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं है।”
जातीय जनगणना पर Rahul Gandhi का बड़ा बयान
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा:
“कांग्रेस के दबाव में जातीय जनगणना की बात स्वीकार की गई, लेकिन ये लोग कभी सच्ची जातीय जनगणना नहीं कराएंगे। जिस दिन देश में असली जातीय गणना हो गई, उस दिन इनकी राजनीति खत्म हो जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि जातीय जनगणना केवल “एक्स-रे” नहीं, बल्कि “MRI” की तरह होगी, जिससे समाज की वास्तविक संरचना उजागर होगी।
बिहार की ऐतिहासिक गरिमा पर चिंता
राहुल गांधी ने कहा:
“बिहार ने ज्ञान और दर्शन की रोशनी पूरी दुनिया को दी है। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों का गौरव था, पर आज यहां से लोग ज्ञान देने नहीं, नौकरी ढूंढने विदेश जा रहे हैं। हमें फिर से वही बिहार बनाना है, जो पूरी दुनिया को दिशा देता था।”
राहुल गांधी का यह भाषण राजनीतिक रूप से तीखा, पर भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था। उन्होंने बिहार के अतीत की महिमा और वर्तमान की विफलताओं को सामने रखकर जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि परिवर्तन जरूरी है।
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