स्थापना से लेकर विसर्जन तक
गणेश उत्सव की शुरुआत गणेश प्रतिमा की स्थापना से होती है और अनंत चतुर्दशी के दिन विधिपूर्वक विसर्जन किया जाता है। श्रद्धालु 1 से 11 दिनों तक गणपति की पूजा करते हैं और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। इसी कारण उन्हें “विघ्नहर्ता” और “सिद्धिदाता” कहा जाता है।
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विशेष योग
इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे पूजा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इन योगों में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होगा।
मंत्र जाप का महत्व
गणेश चतुर्थी पर “ॐ गण गणपतये नमः” सहित अन्य गणेश मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि नियमित मंत्र जाप से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।