Dhanbad News: पेयजल आपूर्ति योजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने में नगर विकास विभाग और डीवीसी के उदासीन रवैये के कारण राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं बाधित हो रही हैं. इसे लेकर शुक्रवार को उप विकास आयुक्त सआदत अनवर और नगर आयुक्त रवि राज शर्मा ने डीवीसी और झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (जुडको) के अधिकारियों के साथ बैठक की और योजनाओं में हो रही देरी की समीक्षा की.
बैठक में जुडको के पदाधिकारियों ने बताया कि नगर विकास विभाग की निरसा – गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति सहित तीन योजना के लिए डीवीसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से योजना में प्रगति नहीं हो रही है। साथ ही पीएचईडी 1 की योजना के लिए भी डीवीसी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है।
जुडको के अधिकारियों ने कहा कि सड़क उपयोग, संशोधित इंटेक वेल स्थान, मिट्टी परीक्षण और पाइपलाइन बिछाने के लिए डीवीसी से एनओसी नहीं मिली है। जबकि कंपनी ने 8 जून 2024 को डीवीसी को वाटर चार्ज के एवज में 3 माह का अग्रिम भुगतान कर दिया है. इंटेक वेल के लिए पूर्व में चयनित स्थान पर मिट्टी की जांच भी करायी गयी. लेकिन डीवीसी ने 28 दिसंबर 2024 को स्थल परिवर्तन का अनुरोध किया। नई साइट के लिए एनओसी जारी करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज डीवीसी को जमा कर दिए।
अब नये स्थल पर मिट्टी परीक्षण की अनुमति नहीं मिल रही है. अनुमति मिली तो मानसून से पहले मिट्टी परीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उप विकास आयुक्त ने डीवीसी के उदासीन रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना के समय पर कार्यान्वयन के लिए संरचना का निर्माण महत्वपूर्ण है. इसका उद्देश्य धनबादवासियों को पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
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यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीवीसी द्वारा एनओसी जारी करने में अनावश्यक बाधा उत्पन्न किये जाने के कारण जिले की एक बड़ी आबादी को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बैठक में डीवीसी के जीएम (सिविल)आर.के. सिन्हा के अलावा जुडको के पदाधिकारी मौजूद थे।