रांची– Jagannath Rath Yatra: रांची स्थित जगन्नाथपुर मंदिर परिसर से शुक्रवार को पारंपरिक धूमधाम और धार्मिक उल्लास के साथ छोटानागपुर की ऐतिहासिक रथयात्रा निकली।
रांची में #प्रभु_जगन्नाथ की भव्य #रथ_यात्रा आज निकाली जायेगी।कार्यक्रम में राज्यपाल @santoshgangwar और मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM भी शामिल होंगे। रथ यात्रा के साथ ही धुर्वा में 9 दिनों तक लगने वाले मेले की शुरुआत हो जायेगी। सुरक्षा में 700 जवानों को तैनात किया गया है। #RathYatra pic.twitter.com/o1lWlJQQ77
— आकाशवाणी समाचार, राँची | Akashvani News, Ranchi (@airnews_ranchi) June 27, 2025
सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर के पट सुबह पांच बजे से पहले ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य आरती के साथ रथयात्रा की शुरुआत की गई। रथ को खींचने के लिए हर उम्र के लोग उत्साह और श्रद्धा के साथ उमड़ पड़े। रथयात्रा रातू किले के परिसर से निकलकर शाम 4 बजे मौसीबाड़ी के लिए रवाना हुई।
Jagannath Rath Yatra: राजपरिवार की देखरेख में परंपरा का निर्वहन
रथयात्रा राजकुमारी माधुरी मंजरी देवी और कल्पना देवी की देखरेख में निकाली गई। रथ पर भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ बलभद्र और सुभद्रा के विग्रह सवार किए गए, वहीं राजपरिवार के सदस्य और मुख्य पुरोहित भी रथ पर मौजूद रहे। मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रबंधक दामोदर मिश्र ने बताया कि इस बार आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी देखी गई।
सुरक्षा और मेले में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
पूरे मंदिर परिसर और मेला क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रथयात्रा मार्ग और मौसीबाड़ी परिसर में दर्जनों स्वयंसेवक, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहे।
रथयात्रा के दौरान लगे मेले में मिठाई, घरेलू सामान, चाट-चाउमिन, आइसक्रीम और गोलगप्पे की असंख्य दुकानें लगाई गई हैं। मेला परिसर पूरी तरह सज चुका है, जिससे उत्सव का माहौल और भी भव्य प्रतीत हो रहा है।
Jagannath Rath Yatra: नेत्रदान और महाआरती से हुआ शुभारंभ
इससे पहले गुरुवार को राजपुरोहित भोलानाथ मिश्र, करुणा मिश्र और अन्य पुरोहितों द्वारा भगवान जगन्नाथ की नेत्रदान प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। इसके बाद मंदिर परिसर में महाआरती और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। नेत्रदान के पश्चात भगवान श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सर्वसुलभ हो गए।
रांची की यह रथयात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का प्रतीक मानी जाती है। इस भव्य आयोजन में भाग लेने हजारों श्रद्धालु न सिर्फ झारखंड, बल्कि आसपास के राज्यों से भी पहुंचे। आयोजकों के अनुसार, रथयात्रा का समापन अगले सप्ताह उल्टा रथ के साथ होगा।