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Jharkhand में ATS ने एक महिला समेत 4 संदिग्ध आतंकियों को धर दबोचा, मिले कौन से हथियार

On: April 26, 2025 11:06 PM
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Jharkhand ATS
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Dhanbad: धनबाद के वासेपुर और भूली इलाके से Jharkhand एटीएस (Anti-Terrorism Squad) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

इनमें एक दंपती भी शामिल है, जो आतंकी संगठनों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था। इस गिरफ्तारी के साथ ही राज्य में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को लेकर नई चिंताएं सामने आई हैं।

Jharkhand Crime: बरामदगी और सबूत

एटीएस ने आरोपियों के कब्जे से दो पिस्टल, 12 जिंदा कारतूस, कई आपत्तिजनक किताबें और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए हैं। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से यह संकेत मिल रहे हैं कि आरोपी विदेशी आतंकी संगठनों के संपर्क में थे और उनके दिशा-निर्देशों पर काम कर रहे थे। इन सबूतों के आधार पर यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया और पूछताछ

एटीएस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इन आरोपियों को धर दबोचा। फिलहाल, टीम एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ कर रही है, जो इस नेटवर्क से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हो सकते हैं। पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियाँ भी सामने आ रही हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ा दी गई है।

आतंकी संगठनों का बढ़ता प्रभाव

झारखंड जैसे खनिज संपन्न राज्य में आतंकी संगठनों की बढ़ती पैठ एक गंभीर खतरे का संकेत है। वासेपुर और भूली जैसे इलाकों से युवाओं को बरगलाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल करना, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेरोजगारी और सामाजिक असंतोष जैसे कारणों का फायदा उठाकर ये संगठन अपना नेटवर्क फैला रहे हैं।

सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती

यह घटना न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को अब स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, युवाओं को आतंकवाद से दूर रखने के लिए शिक्षा, रोजगार और जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर देना भी जरूरी है।

धनबाद में हुई इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद का खतरा सिर्फ सीमावर्ती इलाकों तक सीमित नहीं है। देश के हर कोने में सतर्कता जरूरी है। झारखंड एटीएस की तत्परता ने एक बड़ी साजिश को समय रहते बेनकाब कर दिया है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। समाज और सरकार दोनों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा ताकि देश को सुरक्षित रखा जा सके।

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