Deoghar News: एम्स देवघर परिसर आज आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा, जब प्रसिद्ध कथावाचक एवं आध्यात्मिक गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा ने छात्र-छात्राओं, चिकित्सकों और स्टाफ को संबोधित किया। उनका प्रेरक प्रवचन “हर हर महादेव” के उत्साहपूर्ण जयघोष के साथ आरंभ हुआ, जिसने पूरे सभागार को भक्तिमय माहौल से भर दिया।

अपने संबोधन में पंडित मिश्रा ने कहा कि माता-पिता मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी ऊर्जा होते हैं, और वही ऊर्जा आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए बताया कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती—मंज़िल तक पहुँचने में समय लग सकता है, परंतु सफलता निश्चित है।
डॉक्टरों की सेवा पर विशेष टिप्पणी
पंडित मिश्रा ने चिकित्सा सेवा का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब डॉक्टर भी कह देते हैं—“अब सब ऊपरवाले के हाथ में है।”
उन्होंने कहा कि जैसे चोर अच्छा घर, बनिया अच्छा गल्ला और वकील अच्छा केस माँगता है, उसी तरह डॉक्टर भी अस्पताल से निकलते समय यह प्रार्थना करते हैं कि “आज हमारे हाथों में आए लोगों का भला हो।”
उन्होंने बताया कि आज के समय में डॉक्टर स्वयं मानसिक शांति की कमी से जूझते हैं—कठिन ड्यूटी, परिवार की जिम्मेदारियाँ और निरंतर तनाव के बीच उन्हें विश्राम के अवसर कम ही मिलते हैं। इसके बावजूद वे हर दिन इस उद्देश्य के साथ आगे बढ़ते हैं कि लोगों के जीवन में स्वास्थ्य और शांति ला सकें।
शिव महापुराण का उल्लेख
अपने प्रवचन में उन्होंने शिव महापुराण का संदर्भ देते हुए बताया कि माता पार्वती के उपचार के समय स्वयं भगवान शिव ने उन्हें औषधि प्रदान की थी। जब पार्वती ने उनकी पहचान पूछी, तो महादेव ने कहा—
“जब भी दुनिया में कोई रोगी होगा, मैं वैद्य के रूप में जन्म लूँगा — बैद्यनाथ के रूप में।”
अंतिम संदेश
समापन में उन्होंने सभी से आह्वान किया कि
“अपने भीतर की शांति और आनंद को बनाए रखना ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है।”
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कार्यक्रम का समापन “हर हर महादेव” के गगनभेदी जयघोष के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने हिस्सा लिया।






