पटना – जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर अक्सर नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते रहे हैं।
वे उन्हें बार-बार “नौवीं फेल” कहकर तंज कसते हैं। अब तेजस्वी यादव ने इस आरोप का जवाब अपने खास अंदाज़ में दिया है।
एएनआई के पॉडकास्ट में तेजस्वी ने कहा, “मुझे नौवीं फेल कहलाना बुरा नहीं लगता। डिग्री लेकर ही सभी क्वालिटी आ जाएं, ऐसा नहीं होता। जिंदगी में प्रैक्टिकल नॉलेज और तजुर्बे का भी अपना महत्व है। मैं एक प्रोफेशनल क्रिकेटर था, उस अनुभव को कोई नहीं गिनता।”
प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देकर दिया जवाब
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जो शख्स पिछले 11 सालों से देश का प्रधानमंत्री है, उसकी डिग्री को लेकर आज भी संशय है। ऐसे में किसी के पास डिग्री होना ही नेतृत्व की योग्यता का प्रमाण नहीं हो सकता।
नीतीश कुमार पर भी किया तंज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी का जमाना है, और मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि मोबाइल से दुनिया खत्म हो जाएगी। वे मीटिंग में मोबाइल फोन रखने पर भी आपत्ति जताते हैं। अब तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर आ रहा है, ऐसे में तकनीक से डरने का कोई मतलब नहीं।”
युवाओं और नीति-निर्धारण में उनकी भागीदारी की वकालत
तेजस्वी ने कहा कि राजनीति में युवा पीढ़ी का स्वागत होना चाहिए और पॉलिसी डिसीजन में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उनका मानना है कि युवाओं की सोच और ऊर्जा देश को नई दिशा दे सकती है।
जाति और जनगणना पर भी बोले Tejashwi Yadav
जाति आधारित जनगणना के समर्थन में तेजस्वी ने कहा कि जाति कोई लालू यादव की लाई हुई चीज़ नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही सामाजिक सच्चाई है। उन्होंने कहा कि पहले नरेंद्र मोदी भी जातिगत जनगणना का विरोध करते थे, लेकिन अब खुद ही उसे करवा रहे हैं। इससे मिलने वाला डेटा जनता के लिए बजट और योजनाएं तय करने में मददगार होगा।
प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की वकालत
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी जाति आधारित आरक्षण लागू किया जाना चाहिए, ताकि समाज के वंचित तबकों को भी बराबरी का मौका मिल सके।
प्रशांत किशोर के आरोपों की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर लगातार यह मुद्दा उठाते रहे हैं कि तेजस्वी यादव के माता-पिता दोनों मुख्यमंत्री रहे, इसके बावजूद वे नौवीं पास नहीं कर सके। किशोर इसे शिक्षा के प्रति तेजस्वी के “लगाव की कमी” बताते हैं।
Tejashwi Yadav की सधी हुई प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव की यह प्रतिक्रिया राजनीतिक रूप से संतुलित और सधी हुई मानी जा रही है। उन्होंने जहां एक ओर व्यक्तिगत आलोचना को तवज्जो नहीं दी, वहीं अपने अनुभव और प्रैक्टिकल समझ को नेतृत्व की असली कसौटी बताया।
यह भी पढ़े: Kamal Kaur Bhabhi हत्याकांड में नया मोड़, दुष्कर्म की जांच के लिए भेजे गए सैंपल