नई दिल्ली: कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के हलफनामा मांगने के कदम को तीन पूर्व चुनाव अधिकारियों ने गलत बताया है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी, ओम प्रकाश रावत और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि चुनाव आयोग का काम सवाल करने वाले से सवाल पूछना नहीं है, बल्कि उसे आरोपों की जांच कर जनता के सामने तथ्य रखने चाहिए।
Rahul Gandhi News: ‘हलफनामा या माफी’ पर पूर्व अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में ज्ञानेश कुमार का वीडियो चलाया गया, जिसमें वह राहुल गांधी से कह रहे हैं, “हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। तीसरा विकल्प नहीं है।”
इस पर पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा, “अगर कोई गंभीर आरोप है, जिसकी चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए, तो उसके लिए किसी को हलफनामा देने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट का कस्टोडियन है और अगर उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठता है, तो उसे खुद जांच करनी चाहिए और तथ्यों को सामने लाना चाहिए।
Rahul Gandhi News: ‘आयोग का काम गुस्सा करना नहीं’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग का स्वभाव गुस्सा करना नहीं है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं। वह लाखों लोगों की आवाज उठा रहे हैं। इसलिए आयोग का गुस्सा होना उसके स्वभाव के विपरीत है।” कुरैशी ने कहा कि अगर वह उनकी जगह होते तो तुरंत जांच का आदेश देते और आरोपों को गंभीरता से लेते।
‘हितधारकों से सवाल करना काम नहीं’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने भी हलफनामा मांगने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम हितधारकों से सवाल करना नहीं है। उन्होंने कहा, “एक आम वोटर भी जब सवाल उठाता है, तो चुनाव आयोग उसे गंभीरता से लेता है, तुरंत उसकी जांच करता है और नतीजे बताता है ताकि किसी भी तरह की आशंका न रहे।” रावत ने कहा कि चुनाव आयोग को इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान करना चाहिए था।