Jharkhand में कांग्रेस के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी बेटी पूर्व विधायक अंबा प्रसाद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इन दोनों नेताओं से अगले सप्ताह पूछताछ की तैयारी कर ली है।
कोल कंपनियों से अवैध वसूली, रंगदारी और फंड ट्रांसफर जैसे गंभीर आरोपों की जांच में ईडी को कई महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं।
Jharkhand News: कहां-कहां हुई थी छापेमारी?
शुक्रवार को ईडी ने रांची और हजारीबाग में कुल 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जिन जगहों पर छापे मारे गए, उनमें शामिल हैं:
- रांची के किशोरगंज स्थित आनंदनगर में अंबा के करीबी पंचम कुमार का घर
- हजारीबाग में समाधान भवन स्थित योगेंद्र साव और अंबा प्रसाद का आवास
- मनोज दांगी, पत्रकार मंटू सोनी और संजीत कुमार के घर
- अंकित राज (योगेंद्र के बेटे) के चार्टर्ड अकाउंटेंट बादल गोयल के यहां से 15 लाख रुपये नकद बरामद
- मीनाक्षी फ्यूल के मालिक शशि प्रकाश सिंह का घर
ईडी ने कई डिजिटल डिवाइस और दर्जनों मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनका डेटा संदिग्धों की मौजूदगी में रिट्रीव किया जाएगा।
Jharkhand News: ईडी की जांच अब किस दिशा में?
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके आधार पर अब पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और अंबा प्रसाद को समन भेजा जाएगा। जांच एजेंसी का मानना है कि पूछताछ के दौरान और भी कई खुलासे हो सकते हैं जो आगे की कार्रवाई की दिशा तय करेंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: “अंबा का बढ़ता कद भाजपा से देखा नहीं जा रहा”
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने ईडी की छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अंबा प्रसाद का राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ता कद भाजपा को पच नहीं रहा है, इसलिए केंद्रीय एजेंसियों के जरिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
“यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। जब भी अंबा को कोई जिम्मेदारी मिलती है, भाजपा बौखला जाती है।”
— योगेंद्र साव, पूर्व मंत्री