दुमका: Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और उनके पिता, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
कोर्ट ने मुझे बाइज्ज़त बरी किया, इसके लिए मैं न्यायालय का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ।*
मैं अपने विपक्षी साथियों से विनम्र आग्रह करता हूँ कि मेरे पिताजी फुरकान साहब, जिन्होंने झारखंड अलग राज्य के लिए अथक प्रयास और कुर्बानियाँ दीं, उनके बेटे पर झूठे केस-मुकदमे दर्ज न करें।
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— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) September 11, 2025
दुमका की एक अदालत ने एक दशक पुराने मकान खाली कराने के विवाद से संबंधित मामले में दोनों को बरी कर दिया है। इस केस में एक अन्य आरोपी सत्तार करम को भी रिहा कर दिया गया है।
Jharkhand News: कोर्ट का फैसला और कानूनी प्रक्रिया
यह मामला 2015 में देवघर के मधुपुर निवासी मो. मकबूल हुसैन द्वारा दायर किया गया था। यह विवाद किराये के एक मकान को खाली कराने से संबंधित था। कई सालों तक मधुपुर कोर्ट में चली सुनवाई के बाद, 2022 में इस मामले को दुमका की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
गुरुवार को, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सांसद-विधायक की विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहित चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। समझौते और साक्ष्य के अभाव के आधार पर, अदालत ने तीनों आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया।
‘यह न्याय और सत्य की जीत है’
कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा, “हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा था।” उन्होंने कहा कि उनके पिता, जिन्होंने झारखंड अलग राज्य के लिए बड़ी कुर्बानी दी थी, उन्हें भी इस केस में घसीटा गया था। अंसारी ने कहा कि आज सच्चाई सामने आ गई है और कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह न्याय और सत्य की जीत है।
इरफान अंसारी ने कहा कि इस मामले के कारण उन्हें 2022 से बार-बार दुमका आना पड़ रहा था, लेकिन अब न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला निराधार था। कोर्ट के फैसले के बाद उनके समर्थकों ने मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की।