जमशेदपुर के करनडीह ब्लॉक में बुधवार को Maiya Samman Yojana की राशि न मिलने पर आदिवासी महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों महिलाएं ब्लॉक कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुईं और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
इन महिलाओं ने कुछ समय के लिए हाता-टाटा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे आवाजाही बाधित हो गई। महिलाओं का आरोप था कि वे कई महीनों से ब्लॉक कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। भीषण गर्मी में भी महिलाएं अपने हक की लड़ाई लड़ती रहीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए परसुडीह थाने की पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा, जिसके बाद महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत किया गया।
Maiya Samman Yojana: लंबे इंतजार के बाद भी नहीं मिला समाधान
मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था, लेकिन यह योजना अब उनके लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं में से एक, सीता सोरेन ने कहा, “बच्चे भूखे हैं, घर चलाना मुश्किल हो गया है। यह पैसा हमारा हक है, फिर भी हमें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।”
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वहीं, हीरामुनि मुर्मू ने बताया कि वे चार महीने से आवेदन की स्थिति जानने ब्लॉक आ रही हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। तपती धूप में सड़क पर बैठी महिलाओं की आंखों में नाराजगी और बेबसी साफ झलक रही थी। उनके हाथों में आवेदन पत्र और ज़रूरी दस्तावेज थे, जो उनके संघर्ष की कहानी बयां कर रहे थे।
Maiya Samman Yojana: सड़क जाम से मचा हड़कंप
महिलाओं के प्रदर्शन से हाता-टाटा मुख्य मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया, जिससे आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक राहगीर ने कहा, “इनकी तकलीफ सही है, पर सड़क जाम से बाकी लोगों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।”
करीब आधे घंटे बाद पुलिस ने पहुंचकर जाम हटवाया, लेकिन महिलाएं फिर ब्लॉक कार्यालय के सामने धरना देने बैठ गईं।
योजना का वादा और ज़मीनी सच्चाई
मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत सरकार ने पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 देने का वादा किया था। लेकिन कई महिलाओं का कहना है कि उनका नाम लाभार्थी सूची में होने के बावजूद पैसा नहीं आया। सीमा हेम्ब्रम ने सवाल उठाया, “अगर नाम सूची में है, तो पैसा क्यों नहीं मिला? क्या यह योजना सिर्फ कागजों तक सीमित है?”
ब्लॉक कार्यालय के अधिकारी इस मामले पर स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे। एक अधिकारी ने गुमनाम रहने की शर्त पर बताया कि तकनीकी कारणों से भुगतान में देरी हो रही है, लेकिन इसे जल्द सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि, इन जवाबों से महिलाओं का धैर्य टूटता नजर आ रहा है और अब यह योजना हेमंत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।