बोकारो— झारखंड में बोकारो से कांग्रेस विधायक Shwettaa Singh एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। उन पर दो पैन कार्ड और चार वोटर कार्ड रखने का गंभीर आरोप लगा है।
बोकारो की उपायुक्त विजया जाघव ने इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) को भेज दी है। मामला अब जांच के घेरे में आ चुका है।
विपक्ष ने उठाए सवाल, राज्यपाल को भेजा पत्र
पूर्व विधायक और भाजपा नेता बिरंची नारायण ने इस प्रकरण को गंभीर बताते हुए शनिवार को राज्यपाल को पत्र सौंपा और सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक ने नामांकन के दौरान शपथ पत्र में भ्रामक जानकारी दी है।
उनका दावा है कि श्वेता सिंह के पास दो अलग-अलग पैन नंबर हैं—एक रामगढ़ से और दूसरा गुड़गांव से जारी हुआ है। इसके अलावा, उनके पास चार मतदाता पहचान पत्र भी हैं, जो संभावित रूप से बहुवोटर पहचान और नियमों का उल्लंघन है।
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सरकारी किराया बकाया भी बना मुद्दा
पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि श्वेता सिंह ने अपने शपथ पत्र में बोकारो स्टील सिटी में आवंटित सरकारी आवास का ₹45,000 किराया बकाया होने की बात छिपाई है। उनका कहना है कि यह जानबूझकर जानकारी छिपाने का मामला है, जो आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन हो सकता है।
विधायक ने आरोपों को बताया निराधार
विधायक श्वेता सिंह ने भाजपा पर राजनीतिक द्वेष के तहत कार्रवाई का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “भाजपा नेताओं के आरोप निराधार और व्यक्तिगत हमले हैं। अगर जांच होती है तो सच्चाई सामने आ जाएगी। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। जनता का ध्यान मुद्दों से हटाने के लिए यह साजिश की जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “विकास के मुद्दों पर बहस होनी चाहिए, लेकिन बौखलाए विपक्षी नेता अब निजी प्रहार कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।”
चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर नजर
अब इस मामले में नजरें चुनाव आयोग पर टिकी हैं। यदि दोहरे पैन और बहु-वोटर कार्ड रखने के आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं के तहत गंभीर मामला बन सकता है, जिससे विधायक की सदस्यता पर भी खतरा मंडरा सकता है।
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