पटना: Bihar Vidhan Sabha के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे के साथ हुई। सत्र शुरू होने से पहले ही राजद, कांग्रेस और भाकपा (माले) सहित विपक्षी दलों के विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। सभी विधायक काले लिबास में थे और उनके हाथों में ‘बिहार में जंगलराज’, ‘SIR वापस लो’ जैसी तख्तियां थीं।
#WATCH | Patna | On protest outside Bihar Vidhan Sabha, RJD leader Abdul Bari Siddiqui says, “3 crore people of Bihar go out of the state to work as labour and come to Bihar to use their right to vote, according to government data. What preparation has the Election Commission… https://t.co/CM1Uiazme4 pic.twitter.com/MjByZvzraa
— ANI (@ANI) July 22, 2025
विधायकों ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया और SIR योजना को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। स्पीकर नंदकिशोर यादव को सदन में प्रवेश के लिए मार्शल की सहायता लेनी पड़ी।
Bihar Vidhan Sabha की कार्यवाही स्थगित
हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। विधान परिषद में तो कार्यवाही केवल 5 मिनट में ही स्थगित कर दी गई। स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी मंशा केवल हंगामा करना है, न कि जनता के मुद्दों पर चर्चा करना।
Bihar Vidhan Sabha: मतदाता पुनरीक्षण बना बड़ा मुद्दा
विधानसभा और विधान परिषद दोनों में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष का दावा है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी की जा रही है।
Bihar Vidhan Sabha: गंभीर आरोप, दागी मंत्री और असुरक्षा का माहौल
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भाजपा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “भाजपा चाहे तो हत्याएं रुक सकती हैं, लेकिन सत्ता में दागी लोगों को मंत्री बना दिया गया है।” उन्होंने दावा किया कि “इस बार महागठबंधन की सरकार बननी तय है।”
अहम विधेयकों की राह कठिन
यह मानसून सत्र नीतीश सरकार के कार्यकाल का अंतिम सत्र है और सरकार का लक्ष्य दर्जनों अहम विधेयकों को पारित कराना है। लेकिन विपक्ष के तीखे विरोध के कारण विधायी कार्य बाधित होने की आशंका बनी हुई है।
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