Sunday, June 1, 2025
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मंदिर में पूजा करते दिखे मुस्लिम सांसद Sarfaraz Ahmad, बोले – “जब बुलाने वालों को ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को क्यों?”

Panama: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के राज्यसभा सांसद Sarfaraz Ahmad इन दिनों चर्चा में हैं — वजह है उनका एक ऐसा कदम, जो भारत की धार्मिक सहिष्णुता और साझी संस्कृति की मिसाल बन गया है।

भारत के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पनामा गए सरफराज अहमद ने वहां एक हिंदू मंदिर में दर्शन किए और पूजा-अर्चना में अपने साथियों के साथ शामिल हुए।

जहां कई बार राजनीति में धार्मिक पहचान को लेकर विवाद और बयानबाज़ी देखने को मिलती है, वहीं सरफराज अहमद का यह सहज और सौहार्दपूर्ण कदम न सिर्फ सोशल मीडिया पर सराहा जा रहा है, बल्कि उनके बयान ने भी लोगों के दिल छू लिए हैं।

“जब बुलाने वालों को ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को क्यों होगा?” – सरफराज अहमद

थरूर की अगुवाई में पहुंचा प्रतिनिधिमंडल

ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की स्थिति को वैश्विक मंचों पर स्पष्ट करने के लिए सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरों पर है। इस दल का नेतृत्व कर रहे हैं कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जिनके साथ अमेरिका, ब्राज़ील, कोलंबिया, पनामा और गुयाना के दौरे पर सांसद भेजे गए हैं।

पनामा के भारतीय सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर में पहुंचने पर सभी सांसदों ने दर्शन किए। सांसद सरफराज अहमद की उपस्थिति ने इस दृश्य को और खास बना दिया।

थरूर ने की Sarfaraz Ahmad की सराहना

थरूर ने मंदिर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा:

“हमारे मुस्लिम साथी सरफराज अहमद को अपने हिंदू और सिख साथियों के साथ मंदिर में पूजा करते देखना भावुक कर देने वाला था। यही है भारत की असली पहचान।”

कौन हैं Sarfaraz Ahmad?

सरफराज अहमद का राजनीतिक करियर चारों सदनों — विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा — तक फैला है।
उनकी यात्रा कुछ इस प्रकार रही:

  • 1980: कांग्रेस के टिकट पर गांडेय विधानसभा से विधायक बने
  • 1984: गिरिडीह लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद
  • 2009: फिर से गांडेय से विधायक
  • बाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए
  • 2019: जेएमएम से गांडेय से विधायक
  • 2024: जेएमएम से राज्यसभा सांसद (निर्विरोध निर्वाचित)

राजनीति में चार दशकों से अधिक समय बिता चुके सरफराज अहमद झारखंड की विविधता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतिनिधि चेहरे के रूप में देखे जाते हैं।

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सोशल मीडिया पर तारीफ की बौछार

सरफराज अहमद के मंदिर दर्शन की खबर और तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हर तरफ उनकी प्रशंसा हो रही है। कई यूज़र्स ने इसे ‘नफ़रत के दौर में मोहब्बत की मिसाल’ बताया है, तो कुछ ने लिखा कि यही है भारतीयता की आत्मा

राजनीतिक और धार्मिक वातावरण जब अक्सर उग्र बयानबाज़ी से भर जाता है, ऐसे में सरफराज अहमद का यह कदम एक मूल्यवान प्रतीक बन गया है। यह बताता है कि धर्मों के बीच सम्मान और संवाद आज भी संभव है — बस उसे कोई सरफराज अहमद जैसा साहसी प्रतिनिधि चाहिए।

 

 

 

 

 

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