नई दिल्ली: Chhattisgarh : केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने की समय सीमा तय की है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ में 30 से अधिक नए अग्रिम बेस (फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस-FOB) स्थापित करेंगे। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
During his visit to Chhattisgarh, DG #CRPF Shri @gpsinghips, together with Shri Arun Dev Gautam, @DGP_CG, senior officers from #CRPF, @CG_Police and #MHA, took part in a high-level strategic meeting at Jagdalpur.
The deliberations centred on enhancing synergy between security… pic.twitter.com/HFO2GpAE2m
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) September 6, 2025
सीआरपीएफ (CRPF) और उसकी विशेष कोबरा बटालियन की इकाइयां शीर्ष माओवादी नेताओं को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों के गढ़ में गहराई तक घुसकर कार्रवाई करेंगी।
Chhattisgarh: रणनीति और बैठक का विवरण
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस बैठक में सुरक्षा बलों की तैनाती और उनकी जरूरतों की समीक्षा की गई। यह फैसला लिया गया कि मानसून खत्म होने के बाद बस्तर के दुर्गम इलाकों में 30 से ज्यादा नए एफओबी खोले जाएंगे ताकि अभियानों को और तेज़ किया जा सके। कोबरा बटालियन को विशेष रूप से मुख्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया है।
लक्ष्य समय से पहले हासिल होने की संभावना
एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अभियानों की मौजूदा गति को देखते हुए, यह संभावना है कि देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 तक ही पूरा हो सकता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में अभी भी नक्सलियों की मौजूदगी बनी हुई है, और इसीलिए छत्तीसगढ़ पुलिस के कोबरा और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) जैसे बलों को बचे हुए माओवादी नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
हाल ही में झारखंड और अन्य राज्यों से लाई गई सीआरपीएफ की नई टुकड़ियों को भी छत्तीसगढ़ में तैनात किया गया है।
सुरक्षा बलों के बीच तालमेल पर जोर
सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने जगदलपुर में भी एक अलग बैठक की। इस बैठक में सुरक्षा बलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया, ताकि शांति प्रयासों को और मजबूत किया जा सके।
इस साल, छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ों में अब तक 230 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 209 अकेले बस्तर संभाग में मारे गए हैं।