नई दिल्ली/काठमांडू | भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य संघर्ष के बीच भारत को पड़ोसी देश Nepal से कूटनीतिक समर्थन प्राप्त हुआ है। नेपाल सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है और उसकी धरती का उपयोग कभी भी किसी पड़ोसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा।
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— MOFA of Nepal 🇳🇵 (@MofaNepal) May 8, 2025
Nepal ने जताया समर्थन, की आतंकवाद की कड़ी निंदा
नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “हम दुख और कठिन समय में भारत के साथ हैं। पहलगाम आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक की मौत भी हुई है, जिससे हम गहराई से आहत हैं। हम इस बर्बर हमले की निंदा करते हैं और हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।”
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नेपाल ने कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जल्द समाप्त हो। नेपाल सरकार ने उम्मीद जताई कि वर्तमान जंग जल्द शांतिपूर्ण संवाद में बदलेगी।
भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’, और फिर युद्ध का विस्तार
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए, जिससे हालात युद्ध की ओर बढ़ गए।
कूटनीतिक स्तर पर भी भारत सक्रिय
युद्ध की पृष्ठभूमि में भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोपीय यूनियन, इटली और अमेरिका के विदेश मंत्रियों से वार्ता की है। भारत सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाया जाए कि भारत की कार्रवाई आत्मरक्षा में और आतंकवाद के विरुद्ध है।
जयशंकर ने यह भी बताया कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार आतंकियों को भारत में भेजना अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन है, और भारत को अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
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