नई दिल्ली। PM Modi: चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन पर अमेरिकी मीडिया में खूब गहमागहमी देखी गई।
प्रमुख अमेरिकी अखबारों ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में आई दरार के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को दोषी ठहराया, जबकि चीन को एक नई वैश्विक व्यवस्था के केंद्र के रूप में दिखाया।
SCO शिखर सम्मेलन और नई विश्व व्यवस्था
अमेरिकी मीडिया ने इस शिखर सम्मेलन को अमेरिका के खिलाफ चीन की नई कूटनीतिक मुहिम के रूप में पेश किया है। अखबारों ने लिखा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग SCO को केवल एक सुरक्षा मंच के बजाय एक आर्थिक और सहयोगी ब्लॉक बनाना चाहते हैं। द वाशिंगटन पोस्ट जैसे अखबारों ने इसे ‘अमेरिका के खिलाफ चीन की नई कूटनीतिक मुहिम’ बताया।
ट्रंप की नीतियों का असर
कई प्रमुख अमेरिकी मीडिया संस्थानों, जिनमें न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्लूमबर्ग शामिल हैं, ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप की नीतियों ने भारत को चीन और रूस के खेमे में धकेल दिया है। द इकोनॉमिस्ट ने लिखा कि ट्रंप के ‘बेमतलब के निर्णयों’ ने भारत को अमेरिका से दूर कर दिया, और वे यह आकलन नहीं कर पाए कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश किस तरह प्रतिक्रिया करेगा। अमेरिकी मीडिया ने चिंता जताई है कि क्या पीएम मोदी की चीन और रूस से बढ़ती नजदीकी भारत को धीरे-धीरे अमेरिका से दूर कर रही है।
भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत
रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी की चीन यात्रा और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात को भारत-चीन संबंधों में एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीनी कारखानों के विकल्प के रूप में खुद को पेश करने का भारत का प्रयास ट्रंप की नीतियों के कारण विफल हो गया है। द वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी लिखा कि जब दुनिया ट्रंप की नीतियों से हिल रही है, चीन खुद को एक वैश्विक नेता के रूप में पेश कर रहा है।
Tags: