गोपालगंज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोपालगंज को 184.90 करोड़ रुपये की लागत से बने चार लेन के एलिवेटेड कॉरिडोर की सौगात दी।
बिहार के चहुंमुखी विकास के लिए डबल इंजन सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में आज काराकाट से हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहा हूं। https://t.co/JjoVuqkDQB
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2025
2.75 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर से अब शहर में जाम की समस्या से काफी राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन इसके साथ ही राजनीतिक दलों के बीच श्रेय की होड़ भी तेज हो गई है।
PM Modi News: विकास की बड़ी पहल
- परियोजना लागत: ₹184.90 करोड़
- कुल लंबाई: 2.75 किमी
- निर्माण अवधि: लगभग 2 साल
- उद्देश्य: शहर के मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर राहत देना
यह कॉरिडोर अब गोपालगंज शहर के केंद्र से गुजरने वाले भारी यातायात को ऊपर से निकालने में मदद करेगा, जिससे नीचे का ट्रैफिक सुगम रहेगा। स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों को दैनिक जाम से छुटकारा मिलने की संभावना है।
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PM Modi in Bihar: किसका है श्रेय? उठने लगे सवाल
कॉरिडोर का उद्घाटन होते ही राजनीतिक हलकों में श्रेय लेने की सियासी खींचतान शुरू हो गई है:
- भाजपा नेता जनक राम ने कहा:
“यह योजना मेरे सांसद रहते स्वीकृत हुई थी। मैंने खुद नितिन गडकरी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलवाई थी।” - जदयू सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन का दावा:
“2020 में संसद में इस मुद्दे को बार-बार उठाया गया और प्रधानमंत्री से मिलकर इसे रफ्तार दिलाई गई। इसका श्रेय हमारी सक्रियता को जाता है।” - पूर्व मंत्री सुभाष सिंह के बेटे अनिकेत सिंह ने भी दावा किया कि:
“मेरे दिवंगत पिता ने इस कॉरिडोर की नींव रखी थी और उन्होंने इसके लिए लगातार संघर्ष किया था।”
PM Modi’s Gift: विकास की रफ्तार बनाम राजनीति की रार
पिछले 10 दिनों में गोपालगंज को थावे जंक्शन का मॉडल स्टेशन और अब एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी दो बड़ी योजनाएं मिली हैं। इनसे आमजन को सहूलियत मिलने की पूरी उम्मीद है। लेकिन साथ ही इन योजनाओं का राजनीतिक लाभ कौन उठाएगा, इस पर घमासान मचना भी तय है।
गोपालगंज के विकास की तस्वीर अब बदलती दिख रही है। पीएम मोदी की ओर से मिली इस बड़ी सौगात से लोगों को वास्तविक लाभ जरूर मिलेगा, लेकिन इसके साथ ही सियासत का रंग भी और चटख होता जा रहा है।
आम जनता के लिए उम्मीद यही है कि इस तरह की परियोजनाओं का केंद्र विकास हो, न कि केवल राजनीतिक प्रचार।
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