रांची: कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार कहती है कि देश के सभी राज्य और वहां के लोग मिलकर रहेंगे।
लेकिन दूसरी तरफ यही लोग विपक्ष की एकता को तोड़ने के लिए हमारे CM को जेल भेज देते हैं।
‘वोट हमारा-राज्य तुम्हारा’… ये नहीं चलेगा। वोट हमारा है तो राज्य भी हमारा होगा।
नरेंद्र मोदी जी, आप… pic.twitter.com/Fsj83aV8SF
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 6, 2025
उन्होंने दावा किया है कि हमले से तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसके बाद उन्होंने अपना कश्मीर दौरा रद्द कर दिया था। यह बयान उन्होंने रांची में आयोजित संविधान बचाओ रैली के दौरान दिया।
प्रधानमंत्री ने खुद को सुरक्षित किया, जनता को नहीं: Kharge
खरगे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को अपनी सुरक्षा को लेकर इनपुट मिला था और उन्होंने दौरा रद्द किया, तो फिर आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? उन्होंने सरकार पर इंटेलिजेंस फेलियर का आरोप लगाते हुए कहा कि जब खतरे की जानकारी थी, तब स्थानीय पुलिस और सुरक्षाबलों की संख्या क्यों नहीं बढ़ाई गई?
सरकार ने मानी खुफिया चूक: Kharge
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “सरकार ने खुद यह स्वीकार किया है कि यह एक इंटेलिजेंस फेलियर था। जब यह बात स्पष्ट थी, तो एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए? क्या 26 निर्दोष लोगों की मौत के लिए केंद्र सरकार की जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए?”
“आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं”
हालांकि, खरगे ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस पूरी तरह सरकार के साथ है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाती है, तो कांग्रेस उसका समर्थन करेगी।”
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पहलगाम में बर्बरता की कहानी
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादियों ने पीड़ितों से नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया, और कई लोगों को कलमा पढ़ने को मजबूर किया। जो लोग ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी गई।
भारत का सख्त रुख और मॉक ड्रिल की तैयारी
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि की समीक्षा, व्यापारिक प्रतिबंध और राजनयिक स्तर पर कार्रवाई शामिल है। साथ ही, 7 मई को देशभर के 244 स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की गई है, जिसे हमले के बाद एक महत्वपूर्ण सुरक्षा अभ्यास माना जा रहा है।
खरगे के इस दावे ने राजनीतिक और सुरक्षा महकमे में हलचल पैदा कर दी है। यदि प्रधानमंत्री को सचमुच पूर्व सूचना मिली थी और आम जनता को इससे अवगत नहीं कराया गया, तो यह एक गंभीर सवाल है, जिस पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
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