पटना: Bihar की राजनीति में ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर की उपाधि को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। ‘जननायक’ का खिताब, जो कभी गरीबों के लिए किए गए कामों और सादगी के कारण दिया गया था, अब राजनीतिक दलों के बीच चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गया है।
इस मुद्दे पर जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है।
Bihar News: जननायक की उपाधि की नकल
जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने ‘जन सुराज’ यात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को ‘जननायक’ कहे जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आज लोगों को नकल करने की आदत हो गई है। किसी को भी जननायक कर्पूरी ठाकुर के समक्ष करने की कोशिश की जाती है, तो यह न्यायसंगत नहीं होगा।”
उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर अपनी सादगी और बिना किसी सुविधा के काम करने के लिए जाने जाते थे। उनके निधन के समय उनके पास न अपना घर था और न ही कोई गाड़ी।
Bihar News: कर्पूरी ठाकुर का ऐतिहासिक योगदान
कर्पूरी ठाकुर को उनके ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किया जाता है। 1977 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने मुंगेरीलाल कमीशन लागू कर पिछड़ों को नौकरियों में आरक्षण दिया। उन्होंने किसानों के लिए गैर-लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स बंद कर दिया और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को सचिवालय में लिफ्ट के इस्तेमाल की अनुमति दी। वशिष्ठ नारायण सिंह के अनुसार, कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीते जी परिवार के किसी भी सदस्य को राजनीति में नहीं आने दिया।
Bihar news: क्यों हो रही है यह तुलना?
आज राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को ‘जननायक’ कहा जाना एक चुनावी रणनीति का हिस्सा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तुलना का उद्देश्य अति पिछड़ा वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करना है, क्योंकि आज भी यह वोट बैंक जिस तरफ जाता है, चुनाव में उसी की जीत होती है।