Jharkhand सरकार राज्य के धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक बड़े धार्मिक कॉरिडोर की योजना पर काम कर रही है।
इसके तहत बाबाधाम, पारसनाथ, लुगुबुरु और रजरप्पा जैसे प्रसिद्ध मंदिरों को जोड़ते हुए एक विशेष कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए राज्य सरकार ने 16वें वित्त आयोग से 1277 करोड़ रुपये अनुदान की मांग की है।
Jharkhand News: क्या है धार्मिक कॉरिडोर का प्लान?
सरकार की योजना के अनुसार, यह धार्मिक कॉरिडोर देवघर से रांची तक बनेगा, जिससे वर्तमान दूरी 255 किलोमीटर से घटकर 170 किलोमीटर रह जाएगी। यह सिर्फ सड़क संपर्क नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और पर्यटन को जोड़ने वाला मार्ग होगा। यह कॉरिडोर चार प्रमुख धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगा:
- बाबाधाम (देवघर)
- पारसनाथ (गिरिडीह)
- लुगुबुरु (गिरिडीह)
- रजरप्पा (रामगढ़)
इस प्रस्ताव को हाल ही में रांची दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग के सामने प्रस्तुत किया गया, जिसकी कॉपी वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को सौंपी।
Jharkhand News: पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: 1462 करोड़ की योजना
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 1462 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ग्रांट की मांग की है, जिसमें शामिल हैं:
- ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक (120 करोड़) – नेतरहाट, पतरातू और प्रमुख जलप्रपातों में
- रोपवे परियोजना (100 करोड़) – कौलेश्वरी हिल, हुंडरू फॉल और जोन्हा फॉल में
- ईको कॉटेज क्लस्टर (300 करोड़) – वन क्षेत्रों में पर्यावरण-अनुकूल ठहराव की सुविधा
- बेतला जंगल सफारी (150 करोड़) – पलामू के जंगल पर्यटन को बढ़ावा
- तेनुघाट और दलमा जैसे क्षेत्रों में मेगा टूरिज्म डेस्टिनेशन (275 करोड़)
औद्योगिक विकास की बड़ी योजना भी शामिल
धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ सरकार ने औद्योगिकीकरण को भी प्राथमिकता में रखा है। इसके लिए:
- 33 एमएसएमई इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 3300 करोड़
- सभी 24 जिलों में इंडस्ट्रियल स्टेट्स के लिए 2880 करोड़
- आईटी, फूड, लेदर, प्लास्टिक, टेक्सटाइल पार्क के लिए 1200 करोड़
- ड्राई पोर्ट (बोकारो व धनबाद) के लिए 420 करोड़
- लॉजिस्टिक पार्क (रांची, धनबाद, देवघर) के लिए 300 करोड़
Jharkhand News: शहरी विकास और बुनियादी ढांचे में निवेश
राज्य सरकार ने शहरी निकायों, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, जल आपूर्ति, सीवरेज प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन और कोर कैपिटल डेवलपमेंट के लिए भी हजारों करोड़ रुपये की मांग की है:
- सीवरेज मैनेजमेंट – 16,121 करोड़
- जल आपूर्ति – 2371 करोड़
- कोर कैपिटल डेवलपमेंट – 5310 करोड़
- 790 बसों की खरीद – 295 करोड़
झारखंड सरकार का यह मास्टर प्लान धार्मिक आस्था, पर्यटन, उद्योग और आधारभूत संरचना को एक साथ विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि 16वें वित्त आयोग से मांगी गई राशि स्वीकृत होती है, तो यह योजना न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति को बल देगी, बल्कि झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर भी स्थापित कर सकती है।