Bihar में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। पार्टी का आरोप है कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में लागू की गई है और इससे लाखों लोगों के वोट कट सकते हैं।
Details in report :
RJD MP @manojkjhadu Moves Supreme Court Against Bihar Electoral Roll Revision, Asks Why Aadhaar Card Not Accepted By ECIhttps://t.co/Z7Eyj3F0UA
— Live Law (@LiveLawIndia) July 6, 2025
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने RJD की ओर से याचिका दाखिल की है और चुनाव आयोग के फैसले पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है।
Bihar Voter List: याचिका में क्या-क्या आपत्तियाँ उठाई गईं?
- समय की कमी: विधानसभा चुनाव के करीब होने के बावजूद पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।
- प्रामाणिक दस्तावेजों की सीमित सूची:
आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जैसे वैध दस्तावेजों को मान्यता नहीं दी गई है। - गरीब और प्रवासी मतदाताओं की अनदेखी:
चार करोड़ से ज्यादा बिहारी अन्य राज्यों में कार्यरत हैं — क्या वो 18 दिनों में सत्यापन करा पाएंगे? - संवैधानिक अधिकारों पर सवाल:
तेजस्वी यादव ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा कि आयोग के पास केवल 11 दस्तावेजों की सूची तय करने का अधिकार कैसे हो सकता है?
Bihar Voter List: ADR ने भी उठाई थी आपत्ति
RJD से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण अभियान को “अचानक और भ्रामक” बताया और इसकी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी।
चुनाव आयोग से पहले भी हो चुकी है शिकायत
4 जुलाई 2025 को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की थी। इस दौरान:
- मतदाता सत्यापन प्रक्रिया तत्काल रोकने की मांग की गई।
- वंचित तबकों के लिए अन्य दस्तावेज मान्य करने का आग्रह किया गया।
- चेतावनी दी गई कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन किया जाएगा।
तेजस्वी यादव का सवाल
“क्या वोट कटवाना ही उद्देश्य है? क्या सरकार के पास उन प्रवासी मजदूरों को बुलाने की कोई योजना है जो बिहार से बाहर हैं? मतदाता के पास फ़ोटो, दस्तावेज़ की फोटोकॉपी और ऑनलाइन सुविधा है भी या नहीं — यह सोचना जरूरी है।”