Sitamarhi: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत सब्सिडी जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक विवेक कुमार और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सौरव कुमार को CBI ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे।
क्या है मामला?
- शिकायतकर्ता ने बताया कि बैंक कर्मियों ने ₹15,000 की रिश्वत मांगी थी, तभी पीएमईजीपी लोन की सब्सिडी जारी की जाएगी।
- इस शिकायत के आधार पर CBI ने 29 मई को केस दर्ज कर योजना के तहत कार्रवाई की।
- जैसे ही आरोपी रिश्वत की पहली किश्त ले रहे थे, CBI ने जाल बिछाकर दोनों को धर दबोचा।
यह भी पढ़े: Latehar News: अपने परिवार के नाम पर कई सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं प्रखंड प्रमुख:- रबीना बीबी
Sitamarhi News: अदालत में पेशी और छापेमारी
- गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को पटना स्थित विशेष CBI अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
- CBI ने सीतामढ़ी स्थित दोनों के आवास और बैंक शाखा पर छापेमारी की।
- छापे में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं, जो बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क की ओर इशारा कर रहे हैं।
Sitamarhi News: बड़ा घोटाला होने की आशंका
CBI अधिकारियों के अनुसार, यह मामला केवल एक व्यक्ति या एक शाखा तक सीमित नहीं है। जांच एजेंसी को आशंका है कि सरकारी योजनाओं में मिलने वाली सब्सिडी के नाम पर रिश्वत वसूली का यह एक संगठित रैकेट हो सकता है।
CBI अब दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों के आधार पर अन्य संभावित आरोपियों की पहचान कर रही है।
CBI का सख्त संदेश
इस कार्रवाई के बाद CBI ने साफ किया है कि:
- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे आरोपी किसी भी पद पर क्यों न हो।
- बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना अब सर्वोच्च प्राथमिकता है।
CBI की इस त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना यह है कि आगे की जांच में और कौन-कौन इस घोटाले की जद में आता है।