Tejashwi Yadav : मोतिहारी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के साथ हुए दुर्व्यवहार ने पूरे बिहार को शर्मिंदा कर दिया है।
भाजपा के एक स्थानीय नेता द्वारा किए गए इस अपमानजनक व्यवहार पर तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि “मैं बिहार के प्रत्येक नागरिक की ओर से तुषार गांधी जी से क्षमा चाहता हूं। यह हमारे राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गरिमा के विपरीत है।” तेजस्वी ने इस घटना को केवल राजनीतिक असहमति नहीं, बल्कि बिहार की ऐतिहासिक पहचान पर हमला करार दिया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह इसी धरती से शुरू हुआ था और उसी धरती पर उनके वंशज का अपमान करना अत्यंत निंदनीय है।
Tejashwi Yadav News: वोटर लिस्ट में भ्रष्टाचार, तेजस्वी का चुनाव आयोग और सरकार पर बड़ा हमला
इसी मंच से तेजस्वी यादव ने एक और गंभीर मुद्दा उठाया जो मतदाता सूची के पुनरीक्षण में भ्रष्टाचार का था। उन्होंने आरोप लगाया कि अब बिहार में वोट जोड़ने के लिए भी 40 रुपये की रिश्वत ली जा रही है। यह केवल लोकतंत्र का मजाक नहीं, बल्कि गरीब और वंचित तबके के अधिकारों का खुला शोषण है। तेजस्वी ने कहा कि जो सरकार और चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की बात करते हैं उन्हें इस तरह के मामलों की तुरंत जांच करनी चाहिए। “क्या अब लोकतंत्र में मताधिकार भी बिकने लगा है?” उन्होंने तीखे स्वर में पूछा।
गरीबों की आवाज़ दबाने की कोशिश: Tejashwi Yadav
तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों से जोड़ते हुए कहा कि गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों को जानबूझकर मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है। कई जगहों से शिकायतें आई हैं कि लोगों के नाम बिना कारण हटा दिए गए हैं और फिर से नाम जुड़वाने के लिए उन्हें रिश्वत देनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि “हमने पहले भी कहा था कि यह सरकार संविधान को कमजोर करना चाहती है और अब यह भ्रष्टाचार के जरिए जनता के बुनियादी अधिकारों को छीन रही है। इन दोनों मुद्दों ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया है। एक ओर ऐतिहासिक और नैतिक मूल्यों का अपमान हुआ है, तो दूसरी ओर लोकतंत्र की नींव मताधिकार है और यह भ्रष्टाचार की चपेट में है। तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया ने विपक्ष को नया मुद्दा दे दिया है और जनता में भी व्यापक चर्चा छिड़ गई है।