Tejashwi Yadav : बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार की संभावना को लेकर बड़ा बयान दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्ष एकजुट होकर 2025 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकता है तो उन्होंने जवाब दिया कि “इस पर बात हो सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सबकी क्या राय है।” तेजस्वी का यह बयान न केवल बिहार की राजनीति को प्रभावित कर रहा है बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
Tejashwi Yadav : आखिर क्यों उठी चुनाव बहिष्कार की बात?
राजद और विपक्षी दलों का आरोप है कि देश में लोकतंत्र कमजोर हुआ है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं। हाल के लोकसभा चुनावों और कई राज्यों में हुए उपचुनावों के दौरान ईवीएम, प्रशासनिक हस्तक्षेप और मीडिया की निष्पक्षता को लेकर विपक्षी दलों ने कई बार नाराजगी जताई है।तेजस्वी यादव ने संकेत दिए कि अगर हालात नहीं सुधरे तो चुनाव लड़ने से बेहतर होगा कि विपक्ष मिलकर कोई कड़ा कदम उठाए।
क्या Tejashwi Yadav खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे?
तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन उनका रुख साफ है कि वे जनता की भावनाओं और विपक्षी साथियों की सलाह के बाद ही कोई फैसला लेंगे। यह भी संभव है कि वे विपक्षी एकता को मज़बूत करने के लिए कोई बड़ा रणनीतिक कदम उठाएं।
विपक्षी एकता की परीक्षा
तेजस्वी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों में मतभेद और बिखराव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। कई दल NDA में शामिल हो चुके हैं या नए गठबंधन बना रहे हैं। ऐसे में चुनाव बहिष्कार की बात करना एक गंभीर राजनीतिक संकेत है।यह देखा जाना बाकी है कि कांग्रेस, वाम दल और अन्य क्षेत्रीय पार्टियाँ इस प्रस्ताव को कैसे लेती हैं।
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