तेहरान– Israel-Iran: मध्य पूर्व में एक बार फिर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। इजराइल और ईरान के बीच जारी टकराव अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।
इजराइल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने मंगलवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान ने अपने हमले नहीं रोके, तो खामेनेई का अंजाम भी सद्दाम हुसैन जैसा होगा।
तेल अवीव में एक उच्च स्तरीय सैन्य बैठक के बाद कैट्ज ने कहा, “ईरान यदि मिसाइल और ड्रोन हमले जारी रखता है, तो हमारे जवाबी हमले तेहरान के उन ठिकानों पर होंगे जहां से खतरे की शुरुआत हो रही है – चाहे वह सैन्य कमान हो, परमाणु वैज्ञानिक हों या यूरेनियम संवर्धन केंद्र।”
Israel-Iran: पांच दिन से जारी है विनाशकारी युद्ध
पिछले पांच दिनों से इजराइल और ईरान के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों का दौर जारी है। अब तक 224 ईरानी और 24 इजराइली नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि दोनों पक्षों में 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इजराइल ने दावा किया है कि उसके हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
ईरान भी जोरदार पलटवार कर रहा है। उसने इजराइल पर 370 से ज्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं। राजधानी तेहरान में हालात तनावपूर्ण हैं। वहां की दुकानें बंद हैं, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें हैं और लोग शहर छोड़ने लगे हैं। तेहरान का ऐतिहासिक ग्रैंड बाजार भी बंद है।
Israel-Iran: अमेरिका ने चेताया, जी-7 छोड़ ट्रंप लौटे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन बीच में छोड़कर वॉशिंगटन लौटने का फैसला किया है। उन्होंने ईरान के नागरिकों से शहर खाली करने की अपील की है। ट्रंप ने कहा, “ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि बातचीत से हल नहीं निकलता, तो सैन्य विकल्प खुला है।”
हालांकि ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका अब भी ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए बातचीत को तैयार है, लेकिन उन्होंने ईरानी नेतृत्व की मंशा पर सवाल खड़े किए।
Israel-Iran: क्या होगी अगली चाल?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो यह टकराव एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है, जो न केवल मध्य पूर्व, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने विश्व समुदाय को चिंतित कर दिया है। खाड़ी क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए राजनयिक प्रयासों की सख्त ज़रूरत है। यदि यह संघर्ष अब भी न थमा, तो इसके परिणाम वैश्विक स्तर पर विनाशकारी हो सकते हैं।
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