पटना, बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, Mahagathbandhan ने अपने कुनबे का विस्तार करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) भी अब महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। यह फैसला शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर हुई महागठबंधन की पहली बैठक में लिया गया।
Mahagathbandhan: बैठक में कौन-कौन शामिल था?
तेजस्वी यादव के सरकारी आवास, एक पोलो रोड पर हुई इस बैठक में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) चीफ मुकेश सहनी और अन्य नेता शामिल थे। यह बैठक हाल ही में 16 दिनों तक चली ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद पहली औपचारिक बैठक थी।
Mahagathbandhan: पशुपति पारस और हेमंत सोरेन की भूमिका
इस फैसले से कुछ दिन पहले, तेजस्वी यादव ने पशुपति पारस से मुलाकात की थी और संकेत दिया था कि वे रालोजपा और जेएमएम को महागठबंधन में शामिल करने पर सहयोगी दलों से विचार-विमर्श करेंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन हाल ही में पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने नीतीश और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था।
सीट बंटवारे की चुनौती
इन दो नए दलों के शामिल होने से महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चुनौतियां बढ़ सकती हैं। बैठक में सीट बंटवारे पर भी मंथन हुआ। सहयोगी दल, जैसे कि वीआईपी चीफ मुकेश सहनी, 60 सीटों पर अपना दावा कर रहे हैं। वहीं, वामपंथी दल भी 2020 के विधानसभा चुनाव में मिली 29 सीटों से ज्यादा की मांग कर रहे हैं। ऐसे में, रालोजपा और जेएमएम को कितनी सीटें मिलेंगी, यह देखना बाकी है।